
कहानी है फ्रांस (France) की रहने वाली 20 वर्षीय सोफी लियोनेट (Sophie Lionnet) की. उसे बच्चों से बहुत ही ज्यादा लगाव था. वह चाहती थी कि आगे चलकर जो भी नौकरी वह करे उसमें ज्यादा से ज्यादा समय उसे बच्चों के साथ बिताने को मिले. साल 2015 में जैसे ही सोफी ने अपनी ग्रेजुएशन पूरी की तो उसने ऐसी ही किसी जॉब की तलाश शुरू कर दी. फिर उसने कुछ जगह नैनी (Nanny) की जॉब के लिए अप्लाई भी किया.
लेकिन वह दुनिया भी घूमना चाहती थी. इसलिए उसने नैनी की नौकरी के लिए अलग-अलग देशों में अप्लाई किया. 'The Sun' के मुताबिक, फिर 2016 में ही उसे इंग्लैंड से ऐसी ही नौकरी का ऑफर भी मिला. यहां एक परिवार को अपने दो छोटे बच्चों के लिए नैनी की जरूरत थी. सोफी ने बिना देर किए इस नौकरी के लिए हामी भर दी. फिर नौकरी के लिए वह जनवरी 2016 को लंदन के विंबलडन पार्क रोड में स्थित एक घर में आ पहुंची. यहां 4 लोगों का परिवार रहता था. इनमें 35 साल की सबरीना कोइडर (Sabrina Kouider) उसका पति 40 वर्षीय ओइसेम मेडूनी (Ouissem Medouni) और उनके दो बेटे (8 साल, 4 साल) शामिल थे.
परिवार ने बताया कि उनके दो छोटे बेटे हैं जिनकी देखभाल सोफी को करनी होगी. देखने में तो यह जोड़ा काफी परफेक्ट लग रहा था. लेकिन असल में दोनों पति-पत्नी के बीच में अच्छे रिश्ते नहीं थे. सबरीना एक फैशन डिजाइनर थी. जबकि, ओइसेम एक फाइनेंशियल एनालिस्ट की जॉब करता था. दोनों कभी भी एक दूसरे को टाइम नहीं देते थे. एक साथ घूमते-फिरते भी नहीं थे. बताया जाता है कि दोनों हमेशा एक दूसरे से दूरी सी बनाकर रखते थे.
सोफी और सबरीना के बीच हो गई थी दोस्ती
जिस घर में यह परिवार रहता था, यहां सिर्फ दो ही बेडरूम थे और बाहर एक गार्डन था. इसलिए सोफी को यहां दोनों के बेटों के साथ एक ही कमरे में रहना पड़ रहा था. बच्चे काफी छोटे थे इसलिए सोफी को कमरे में एडजस्ट करने में कोई दिक्कत भी नहीं आ रही थी. इसके अलावा सबरीना और सोफी के बीच भी अच्छी दोस्ती हो गई थी. दोनों अक्सर साथ में खूब सारा समय बितातीं. सोफी को यहां काफी अच्छा लग रहा था. वह रोज अपनी मां को फोन करके अपडेट देती थी कि आज उसने क्या किया उसका दिन कैसा बीता.
सोफी को परेशान करने लगा था दंपति
लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन नहीं चलीं. यहां शिफ्ट होने के कुछ ही महीनों बाद सोफी बहुत ही डिप्रेस्ड दिखने लगी. Daily Mail के मुताबिक, आस-पड़ोस के लोगों ने भी बताया कि शुरुआत में तो सोफी काफी खुश दिखती थी. लेकिन बाद में वह काफी परेशान दिखने लगी थी. वह किसी से भी ज्यादा बात नहीं करती. दरअसल, सोफी के डिप्रेशन का कारण था सबरीना और उसके पति ओइसेम का उसके प्रति बर्ताव. दोनों ने ही सोफी को परेशान करना शुरू कर दिया था. इसके पीछे कारण था सबरीना का एक्सबॉयफ्रेंड मार्क वॉल्टन (Mark Walton). मार्क एक म्यूजिक बैंड के साथ काम करता था और काफी रईस था.
सबरीना और मार्क दो साल चला रिलेशन
यहां बता दें कि मार्क और सबरीना का अफेयर साल 2011 से लेकर 2013 तक चला. फिर दोनों का ब्रेकअप हो गया. जब मार्क सबरीना के साथ रिलेशन में था तो उस समय वह सबरीना पर अंधा पैसा उड़ाता. सबरीना ने एक घर भी खरीदा था जिसकी किश्त भी मार्क ही देता था. लेकिन जब दोनों का ब्रेकअप हो गया तो मार्क ने उसे पैसा देना बंद कर दिया. इसके चलते सबरीना काफी नाराज हुई और उसने मार्क को सबक सिखाने की ठान ली थी. कई बार उसने मार्क के खिलाफ बेवजह बातों पर ही केस भी दर्ज करवाए थे. लेकिन जब पुलिस केस की जांच करती तो पता चलता कि मार्क ने तो ऐसा कुछ किया ही नहीं होता था जिसे लेकर सबरीना उसके खिलाफ केस दर्ज करवाती रहती थी. पुलिस ने भी सबरीना को हल्के में लेना शुरू कर दिया. फिर जब भी सबरीना मार्क के खिलाफ कोई केस दर्ज करवाती तो पुलिस उस पर कोई कार्रवाई नहीं करती. क्योंकि पुलिस को भी पता लग चुका था कि वह सिर्फ मार्क की इज्जत खराब करने के लिए यह सब कर रही है. इसी के चलते पुलिस ने साल 2015 में सबरीना को ही वार्निंग दे दी कि अगर उसने बेवजह मार्क के खिलाफ अब कोई भी मामला दर्ज करवाया तो उल्टा उसी पर कार्रवाई की जाएगी. इससे सबरीना का गुस्सा और ज्यादा बढ़ गया.
सोफी पर लगाया झूठा इल्जाम
इसी तरह साल बीता और सबरीना को एक बार फिर से मार्क से बदला लेने का मन हुआ. फिर उसने इसके लिए सोफी को ही परेशान करना शुरू कर दिया. उसने सोफी पर इल्जाम लगाया कि मार्क और सोफी एक दूसरे को जानते हैं. मार्क ने ही सबरीना और उसके परिवार को बर्बाद करने के लिए सोफी को उनके घर भेजा है. लेकिन सच तो यह था कि सोफी मार्क को जानती भी नहीं थी. सोफी ने पहले तो इस बात को हल्के में लिया लेकिन बाद में सबरीना ने अपने पति को भी इसे लेकर भड़काना शुरू कर दिया, जिसके बाद दोनों ही अब सोफी को मारने-पीटने भी लगे.
सोफी ने मां को बताई परेशानी
इन सब अत्याचारों से परेशान होकर सोफी ने तय किया कि अब वह यह नौकरी नहीं करेगी. लेकिन वह करती भी तो क्या. उसका पासपोर्ट तो सबरीना के ही पास था. वह जब भी सबरीना से पासपोर्ट मांगती तो उसके बदले उसे सिर्फ टॉर्चर मिलता. सोफी को उन्होंने एक तरह से घर में बंदी की तरह रखना शुरू कर दिया. वह अपनी मां से भी बात नहीं कर पा रही थी. एक दिन मौका मिलते ही सोफी ने मां को फोन करके पूरी बात बता दी. सोफी ने बताया कि वह यहां से निकलना चाहती है. लेकिन उसके पास न तो पैसा है और न ही उसका पासपोर्ट. सोफी की मां ने कहा कि वह उसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर रही है. जैसे ही सबरीना ने यह बात सुनी तो उसने सोफी का फोन छीना और उसकी मां को कह दिया कि सोफी यहां से नहीं जा सकती. क्योंकि सोफी के ऊपर पुलिस केस चल रहा है.
पुलिस ने किया सबरीना और उसके पति को गिरफ्तार
सोफी को इससे काफी धक्का लगा. फिर एक दिन सोफी ने इस बात का जिक्र एक दुकानदार से भी किया कि उसे सबरीना और उसका पति बहुत मारते हैं. वह उसे यहां से जाने भी नहीं दे रहे. दुकानदार ने उसे सलाह दी कि वह पुलिस से मदद मांगे. इससे पहले कि सोफी कुछ कर पाती, दिन आया 20 सितंबर 2017 का. सबरीना के घर से उनके पड़ोसियों को गंदी बदबू आ रही थी. बाहर निकलकर देखा तो उनके गार्डन में आग लगी हुई थी. पड़ोसियों ने तुरंत फायर डिपार्टमेंट को एक फोन किया. फायर ब्रिगेड के अधिकारी टीम के साथ जब सबरीना के घर पहुंचे तो उन्हें वहां पहले तो सब नॉर्मल लगा. लेकिन बदबू उन्हें भी आ रही थी. उन्होंने जब सबरीना और उसके पति से पूछा कि तुमने यहां आग क्यों लगाई है. इस पर कपल ने कहा कि वे बोनफायर कर रहे हैं और आग में उन्होंने भेड़ को जलाया है. अधिकारियों ने पूछा कि ये बदबू तो कुछ अजीब सी ही है. इस पर उन्होंने अधिकारियों को और गुमराह करने की फिर से कोशिश की. उन्होंने कहा कि मीट थोड़ा पुराना हो गया था इस वजह से बदबू आ रही है. अधिकारियों ने जब आग को खंगाला तो उससे उन्हें इंसान के हाथ, नाक और एक चश्मा मिला. उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले आई.
बाथरूम में घंटों तक सोफी को रखते थे बंद
दोनों ने वहां भी अपना गुनाह कबूल नहीं किया. इसी बीच जांच चलती रही और पुलिस को पता लग गया कि जिस लड़की के शव के जले हुए टुकड़े मिले हैं वह सोफी नामक युवती के हैं. पुलिस ने आस-पड़ोस से भी बात की और लोगों ने काफी सारी ऐसी बातें पुलिस को बताईं जिससे उन्हें यकीन हो गया कि हो न हो सबरीना और उसके पति ने ही सोफी की हत्या की है. फिर आया 5 जनवरी 2018 का दिन, सबरीना के पति ने फाइनली पुलिस के सामने कबूल कर लिया कि वह लाश सोफी की थी. उसने बताया कि दोनों पति पत्नी सोफी को रोज बाथरूम में घंटों तक बंद रखते और उससे जबरन यह कबूल करने को कहते कि वह मार्क को जानती है. लेकिन सोफी कभी भी इस बात को स्वीकार नहीं करती थी. उसने कहा कि बाथरूम काफी छोटा था इसलिए हो सकता है कि उसकी बाथरूम में दम घुटने से हो गई हो और वह बाथटब में गिर गई हो.
दंपति ने एक दूसरे पर लगाया हत्या का आरोप
पुलिस को अब भी शक था कि ओइसेम अभी भी उनसे कुछ छुपा रहा है. पुलिस ने थोड़ी और सख्ती दिखाई तो ओइसेम ने सारा ब्लेम सबरीना पर डाल दिया. उसने कहा कि सबरीना ने उससे मारपीट की थी जिसके बाद सोफी को उसने बाथटब में डुबाकर मार डाला. मैं तो बस सबरीना को बचाना चाहता था. इसलिए उसके साथ मिलकर सोफी की लाश को जलाने की कोशिश की. यह सुनते ही सबरीना का भी गुस्सा फूटा और उसने कहा कि ओइसेम झूठ बोल रहा है. सबरीना ने पुलिस को बताया कि उस दिन वह तो आराम से सो रही थी. तभी उसे सोफी और ओइसेम के लड़ने की आवाजें आने लगीं तो वह उठ गई. उसने दोनों को छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन तब तक सोफी मर चुकी थी.
आरोपियों को 30 साल जेल की सजा
पुलिस ने अब दोनों पर और सख्ती दिखाई तो फाइनली दोनों ने कबूल कर लिया कि उन्होंने मिलकर सोफी को मारा था. वहीं, पुलिस को दोनों के घर से एक सीसीटीवी फुटेज भी बरामद हुआ जिसमें दोनों सोफी को टॉर्चर दे रहे थे. इसी के साथ सोफी का लिखा एक लेटर भी पुलिस को मिला जिसमें लिखा था 'Why me?'. पुलिस के पास अब सबूत और आरोपियों का कबूलनामा दोनों थे. 'BBC' की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने सबरीना और ओइसेम को 30 साल जेल की सजा सुनाई.