नकली हथियार लाइसेंस का रैकेट चलाने के आरोप में कमिश्नर की टास्क फोर्स ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. अपराधियों ने लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों के नकली सील और हस्ताक्षर का बनाकर नकली हथियार लाइसेंस तैयार किए और उन्हें दिखाकर असली हथियार हासिल किए थे.
यह शहर की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है. दरअसल, अवैध हथियार चलन में हैं और विभिन्न मौकों पर संदिग्ध तरीकों से इस्तेमाल किए जाते हैं. शहर के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने अपने कार्यालय में मामले के तथ्यों को मीडिया के सामने पेश किया.
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राजौरी का रहने वाला है मास्टरमाइंड
पुलिस आयुक्त ने बताया कि गैंग का मास्टरमाइंड राजौरी जिले के जम्मू-कश्मीर का रहने वाला अल्ताफ हुसैन है. वह साल 2013 में शहर में रहने आया था. वह ग्रेस मैनेजमेंट सिक्योरिटी सर्विस में काम करता था. बाद में वह एसआईएस कैश सर्विस, वेस्ट मेरेडपल्ली में गनमैन के रूप में काम करने लगा.
शहर में नौकरी करने से पहले, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नकली शस्त्र लाइसेंस के साथ एक दुनाली बंदूक खरीदी, जिसे उन्होंने स्थानीय मजिस्ट्रेट के कार्यालय में रिश्वत देकर हासिल किया था. वह बंदूक के लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया और लाइसेंसिंग विवरण से परिचित था.
स्टांप विक्रेता के साथ मिलकर बनाने लगा फर्जी लाइसेंस
इसके बाद उसने सिकंदराबाद में एक स्टांप विक्रेता हफीजुद्दीन के साथ मिलकर नकली जालसाजी करके और नकली स्टाम्प लगाकर नकली हथियार लाइसेंस जारी करना शुरू कर दिया. असली हथियार हासिल करने के लिए इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता था.
आरोपियों ने अवैध गतिविधियों को बड़े पैमाने पर करना शुरू कर दिया और खुद ही फर्जी हथियार लाइसेंस जारी करने लगे. वे जम्मू-कश्मीर राज्यों में रहने वाले बेरोजगार युवाओं को फंसाते थे, जो निजी सुरक्षा फर्मों में सुरक्षा गार्ड के रूप में रहने की कोशिश कर रहे थे.
राजौरी में बने फर्जी ऑल इंडिया लाइसेंस का इस्तेमाल करके भोले-भाले उम्मीदवारों से 40 हजार से लेकर 60 हजार रुपए लेकर उनके लिए दूसरे राज्यों से हथियार खरीदे गए.
सिक्योरिटी एजेंसियों के मैनेजर्स ने की मदद
यह उल्लंघन ग्रेस मैनेजमेंट सिक्योरिटी सर्विसेज के रीजनल मैनेजर वेंकट कोंडा रेड्डी और वेस्ट मेरेडपल्ली में जेरॉक्स शॉप के मालिक आई. श्रीनिवास की मिलीभगत से हुआ. आरोपी हर बेरोजगार युवक से 20,000 रुपए वसूल करते थे और बाद में उन्हें विभिन्न निजी सुरक्षा एजेंसियों में नौकरी दिला देते थे. यह सुरक्षा फर्मों के कामकाज में एक गंभीर चूक भी है.
वीआईपी की सुरक्षा से लेकर कई जगह तैनात किए गार्ड्स
एशियन सिक्योरिटी सर्विसेज, नंदामुरी सिक्योरिटी एंड सर्विसेज, ग्रेस मैनेजमेंट सिक्योरिटी सर्विसेज ने ऐसे सुरक्षा गार्डों को नौकरी पर रखा था, जिनके पास अवैध हथियार थे. इन एजेंसियों ने वीवीआईपी, आभूषण शोरूम, एटीएम कैश ले जाने वाली एजेंसियां और व्यक्तिगत सुरक्षा गार्ड के रूप में अपने ग्राहकों के लिए ऐसे गार्ड्स को तैनात किया.
इन संगीन धाराओं में हुआ केस दर्ज
गुप्त सूचना के आधार पर वेस्ट जोन टास्क फोर्स ने मामले की जांच की और रैकेट का भंड़ोफोड़ कर दिया. आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली स्टांप बनाने, आपराधिक साजिश रचने और अवैध रूप से हथियार रखने का आरोप है.
पुलिस ने उनके पास से 30 सिंगल बोर गन, 3 डबल बोर गन, 1 रिवॉल्वर, 140 राउंड, 34 नकली हथियार लाइसेंस बुक, 29 अप्रयुक्त हथियार लाइसेंस बुक, 9 नकली हथियार लाइसेंस, 6 रबर स्टैंप और 1 अहस्ताक्षरित एनओसी सहित भारी मात्रा में हथियार और गोलियां जब्त की हैं.