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विकास दुबे की मदद करने वाले पुलिसकर्मियाें पर एक्शन, वापस लिया गया अब तक का इंक्रीमेंट और प्रमोशन

विकास दुबे के मददगार रहे 6 पुलिस कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान में नौकरी करने का दंड मिला है, जिसमें चार दारोगा और दो सिपाही शामिल हैं. कुख्यात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर 2 जुलाई 2020 की रात बिकरू में बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मियों को गोलियों से भून दिया था.

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विकास दुबे (फाइल- फोटो)
विकास दुबे (फाइल- फोटो)

कानपुर में विकास दुबे के काले कारनामों में सहयोग देने वाले पुलिसकर्मियों पर राज्य सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. कुख्यात अपराधी विकास दुबे के मददगार रहे 6 पुलिस कर्मियों को न्यूनतम वेतनमान में नौकरी करने का दंड मिला है, जिसमें चार दारोगा और दो सिपाही शामिल हैं. दोषी पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच एडिशनल पुलिस कमिश्नर मुख्यालय की देखरेख में चल रही थी. एडिशनल पुलिस कमिश्नर मुख्यालय जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी थी.

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इससे पहले चौबेपुर के तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी और एक दरोगा को पहले ही बर्खास्त कर दिया गया था. विकास दुबे ने 2 जुलाई 2020 को बिकरू गांव में अपने गैंग के साथ आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विकास समेत उसके 6 साथी एनकाउंटर में मारे गए थे.  इस मामले में 36 आरोपी जेल में बंद हैं. 

सनसनीखेज घटना के बाद जांचों का सिलसिला शुरू हुआ तो आठ पुलिसकर्मी बड़ा दंड धारा 14(1) के तहत दोषी पाए गए थे. इनमें तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और हल्का चौकी इंचार्ज दरोगा केके शर्मा का नाम भी शामिल था. दोनों जेल में हैं और बर्खास्त किए जा चुके हैं.

विकास दुबे का सहयोग करने के मामले पर दरोगा अजहर और  कुंअर पाल सिंह, दरोगा विश्वनाथ मिश्रा, दरोगा अवनीश कुमार सिंह  सिपाही अभिषेक और राजीव को न्यूनतम वेतनमान की सजा दी गई है. एडीशनल सीपी के मुताबिक न्यूनतम वेतनमान का मतलब है कि अब तक आरोपित पुलिस कर्मियों ने जो भी इन्क्रीमेंट या प्रमोशन पाया होगा, वह सब शून्य हो जाएगा. उन्हें फिर से पहले वेतनमान से शुरुआत करनी होगी. उदाहरण के तौर पर नौकरी की शुरुआत के समय कम से कम वेतनमान 3200 था तो अब ये छह आरोपित पुलिसकर्मी इसी वेतनमान में पहुंच जाएंगे.

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