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वह गैंगस्टर, जिससे कभी कांपता था पूरा अमेरिका! जानें 'स्कारफेस' अल कपोन की कहानी

18 अक्टूबर, साल 1931 में अल कॅपोन को 11 साल की सजा सुनाई गई थी. अल कपोन दुनिया के सबसे खतरनाक गैंगस्टर्स में से एक माना जाता था. कपोन शराब के अवैध धंधे, प्रॉस्टीट्यूशन, हत्याओं जैसे कई गंभीर अपराधों में शामिल था. यहां पढ़िए कैसे अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था कॅपोन.

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 Gangster Al Capone (Image Credit: Public Domain)
Gangster Al Capone (Image Credit: Public Domain)

अगर इतिहास में जाकर अमेरिका के कुख्यात क्रिमिनल्स की बात करें तो अल कपोन (Al Capone) की बात जरूर होगी. अल कपोन की गिनती इतिहास के सबसे बड़े माफिया में होती है. 18 अक्टूबर साल 1931 में अल कपोन को 11 साल की सजा सुनाई गई थी. अमेरिका के इस कुख्यात क्रिमिनल का जन्म आज ही के दिन साल 1899 में हुआ था. कॅपोन का जन्म न्यूयॉर्क में एक इतालवी अप्रवासियों के परिवार में  हुआ था. 

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शराब की अवैध तस्करी से क्राइम की दुनिया में रखा कदम
साल 1920 से 1933 के बीच संयुक्त राष्ट्र में शराब के किसी भी प्रोडक्ट के उत्पादन, आयात और बिक्री पर पूरी तरह बैन था. इसी मौके का फायदा उठाते हुए अल कपोन ने क्राइम की दुनिया में अपनी एक पहचान बना ली. यह वही समय था जब कपोन के 'शिकागो आउटफिट' सहित कई गिरोह देश में अवैध रूप से शराब की तस्करी करने और अमेरिका भर में शराब बेचने वाले अवैध प्रतिष्ठानों की स्थापना करने की प्रक्रिया में शामिल हुए. 

शराब की तस्करी से की भारी कमाई
शराब की तस्करी और अवैध तरीके से इसे बेचने से कपोन ने  1 साल में करीब $ 100,000,000 (2018 में $ 1,400,000,000) तक की कमाई की. इसकी वजह से कपोन क्राइम की दुनिया में एक के बाद एक आगे बढ़ता गया.

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...जब स्कूल टीचर पर किया हमला
14 साल की उम्र में कपोन ने अपने स्कूल टीचर पर हमला किया जिसके बाद इस कुख्यात क्रिमिनल की पढ़ाई-लिखाई बंद हो गई. इस घटना के बाद से कपोन शिकागो के एक खूंखार स्ट्रीट गैंग लीडर जॉनी टोरिओ के गैंग में शामिल हो गया. गैंग में शामिल होने के बाद कपोन ने धीरे-धीरे जॉनी टोरिओ का विश्वास जीता और गैंग में अपनी एक अलग जगह बना ली. 

कैसे पड़ा स्कारफेस नाम?
कपोन 16 साल की उम्र में फाइव पॉइंट्स गिरोह का सदस्य बन गया और फ्रैंकी येल (टोरियो का सहयोगी) के ब्रॉथल-सैलून, हार्वर्ड इन में बारटेंडर का काम किया. 21 साल का होने से पहले कपोन कई तरह की हिंसक घटनाओं में शामिल हो चुका था. देखते-देखते कपोन शराब, मारपीट, ब्रॉथल समेत कई अवैध कामों में लिप्त हो गया था. 

कपोन को कई लोग स्कारफेस के नाम से भी बुलाते थे. कपोन का स्कारफेस नाम पड़ने के पीछे भी एक हिंसक घटना जुड़ी हुई है. दरअसल, एक दिन हार्वर्ड इन में कॅपोन की किसी दूसरे बदमाश फ्रैंक गैलुशियों से कहासुनी हुई थी. जिसके बाद गैलुशियो ने कॅपोन के बाएं गाल पर चाकू से हमला कर दिया था. इस हमले से कपोन के चेहरे पर एक निशान (स्कार) पड़ गया था. इसी घटना के बाद से कपोन स्कारफेस के नाम से फेमस हो गया.

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कैसे क्राइम की दुनिया का सबसे बड़ा नाम बना कपोन?
साल 1919 में जॉनी टोरियो के कहने पर कॅपोन शिकागो पहुंचा और जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ता चला गया. इस दौरान जॉनी टोरियो क्राइम बॉस "बिग जिम" कोलोसिमो के लिए काम करता था. बिग जिम सैंकड़ों ब्रॉथल्स और गैंबलिंग रैकेट्स चलता था. शिकागो में इस दौरान कपोन ने कई ब्रॉथल्स में सिक्योरिटी गार्ड का काम भी किया. इसी दौरान उसे सिफलिस  (Syphillis) हो गया जिसकी वजह से बाद में उसकी मौत हो गई थी. कई लोगों का मानना है कि कपोन ने टोरियो के कहने पर कोलोसिमो की हत्या कर दी थी. इसके बाद टोरियो ने अवैध शराब के धंधे में पूरी तरह लिप्त हो गया और कॅपोन टोरियो का राइट हैंड बन गया. 

26 साल की उम्र में कपोन अमेरिका की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर क्राइम यूनिट को ऑपरेट करने लगा. कॅपोन अपने प्रतिस्पर्धियों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों में भय पैदा करके अपने आपराधिक नेटवर्क और संगठन को बढ़ाता चला गया. जो लोग कपोन का साथ देने से मना करते थे, उन्हें उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती थी. ऐसी ही एक गैंग को कॅपोन की बात न मानना भारी पड़ गया. 14 फरवरी, 1929 के भयानक नरसंहार में कॅपोन का नाम सामने आया था. इस नरसंहार में उस गैंग के  7 लोगों को गोली मार दी गई थी, जिसने कॅपोन का साथ देने से मना किया था. 

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अल कपोन अपराध की दुनिया में इतना बड़ा नाम हो गया था कि पुलिस और प्रशासन के लोगों के लिए भी इसे पकड़ना मुश्किल था. अपने काले कारनामों की सजा से बचने के लिए कॅपोन सभी को रिश्वत देने लगा.  कपोन के लिस्ट में मेयर, स्थानीय पुलिस अधिकारियों के अलावा कई और बड़े नाम शामिल थे.

कैसे हुई सजा?
अखबारों की हेडलाइन में कपोन का नाम गलत वजहों से शामिल हो रहा था. कई अखबारों ने कपोन को 14 फरवरी को हुए नरसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराया. वहीं, FBI ने भी टैक्स की चोरी को लेकर कॅपोन पर जांच शुरू कर दी थी. इसके अलावा भी कपोन पर कई और अपराधों में भी मामले दर्ज हो गए थे. 

18 अक्टूबर 1931 को कपोन को टैक्स चोरी के मामले में 11 साल की सजा हुई. इंवेस्टीगेटर्स और वकीलों को यह साबित करने की ज़रूरत नहीं थी कि कॅपोन गैंबलिंग, प्रॉस्टीट्यूशन और बूटलेगिंग रैकेट चलता था. उन्होंने बस ये साबित किया कि कपोन टैक्स चोरी के काम में शामिल है. 11 साल बाद जेल से बाहर आने बाद कुछ साल कॅपोन ने फ्लोरिडा में अपने परिवार के साथ बिताए. यहां सिफलिस के चलते उसकी मौत हुई. 

 

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