मुख्तार अंसारी जिस अस्पताल और उसकी डॉक्टर के नाम पर एंबुलेंस लेकर घूम रहा है उस डॉक्टर पर बाराबंकी में एफआईआर हुई तो कल तक मुख्तार अंसारी के खौफ का हवाला देते हुए कागजों पर दस्तखत करने का दावा करने वाली डॉक्टर अलका राय अब मुख्तार अंसारी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराना चाहती है.
मऊ में बीते डेढ़ दशक से बीजेपी की राजनीति करने वाली और मौजूदा वक्त में क्षेत्रीय स्तर की पार्टी पदाधिकारी, श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की मालकिन डॉ. अलका राय पर बाराबंकी में एफआईआर दर्ज हुई तो अब उन्होंने भी मुख्तार अंसारी पर धोखाधड़ी करने की तहरीर दी है.
गुरुवार को मामला सामने आया तो पहले डॉ. अलका राय ने मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस से किसी भी तरह के रिश्ते को ही खारिज कर दिया. जब सवाल पूछा गया कि उनके अस्पताल के नाम पर एम्बुलेंस कैसे रजिस्टर है? तो बयान आया मुख्तार अंसारी की बात को मऊ में कौन मना कर सकता है. ऐसे में उन्होंने मुख्तार अंसारी के संदेश पर कुछ कागजों पर दस्तखत किए थे. बाकी उनका मुख्तार अंसारी या उनकी एम्बुलेंस से कोई लेना देना नहीं.
मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस बाराबंकी में रजिस्टर्ड थी. लिहाजा एआरटीओ परिवहन ने बाराबंकी कोतवाली में डॉक्टर अलका राय पर धोखाधड़ी जालसाजी और फर्जी कागजात तैयार करने की नामजद एफआईआर दर्ज करा दी.
बाराबंकी में मुकदमा दर्ज होने की खबर लगते ही मऊ में एक बार फिर डॉ अलका राय सामने आई और बयान दिया कि वो कभी बाराबंकी गई नहीं. उनको बड़े षड्यंत्र के तहत फंसाया जा रहा है. लेकिन पुलिस अधीक्षक मऊ को दी तहरीर में डॉ अलका राय ने मान लिया कि मुख्तार अंसारी के तरफ से भेजे गए संदेश में उनको कहा गया कि वह उनके अस्पताल के नाम पर आम लोगों के लिए एंबुलेंस खरीदना चाहते हैं. जिसके एवज में उन्होंने कागजात पर दस्तखत किए.
इसके अलावा डॉ अलका राय ने चेक के जरिए 15 से ₹20 हजार रुपये भी लिए. मुख्तार अंसारी के खिलाफ दी तहरीर में अलका राय ने यह भी माना कि साल 2015 में उसने एंबुलेंस के ट्रांसफर पेपर पर भी दस्तखत करवाए गए.
अलका राय 24 घंटे पहले तक दावा कर रही थी कि मुख्तार अंसारी के एंबुलेंस के बारे में कुछ भी नहीं जानती. लेकिन वह अब मुख्तार अंसारी पर धोखाधड़ी, गुमराह करने और धोखा देने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करवाना चाह रही है और जिसकी तहरीर एसपी और शहर कोतवाल मऊ को दी गई है.