अलवर गैंगरेप केस की जांच कर रही पुलिस ने शुक्रवार को ये कहकर चौंका दिया था नाबालिग पीड़िता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है. शुक्रवार को अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने खुद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में अभी रेप की पुष्टि नहीं हुई है.
तेजस्विनी गौतम ने शुक्रवार को बताया कि लड़की जिस ऑटो में सवार थी, उसकी भी एफएसएल जांच कराई गई लेकिन वहां भी कोई संशय नजर नहीं आया है. जो लास्ट सीसीटीवी फुटेज मिली है, वह घटनास्थल से 300 मीटर पहले का है. जिसमें लड़की करीब 7:30 बजे के करीब चलते हुए दिख रही है.
बता दें कि इस घटना के 4 दिन से ज्यादा गुजर गए हैं लेकिन आरोपी अबतक फरार है. अब पुलिस की नई थ्योरी ने सबको हैरत में डाल दिया है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
सवाल नंबर 1
पुलिस ने कहा कि दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, प्राइवेट पार्टस इनटैक्ट! तो फिर डाक्टर प्राईवेट पार्ट्स में गंभीर चोट कैसे बता रहे थे?
पुलिस भले ही अब कह रही हो कि दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अलवर में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर घटना के दिन लड़की की हालत देख सन्न रह गए थे. डॉक्टरों के अनुसार उसके प्राइवेट पार्ट्स को नुकीली चीज़ से वार कर जख़्मी कर दिया गया था. डॉक्टरों के अनुसार चोट इतनी गंभीर थी कि प्राईवेट पार्ट और मलद्वार एक हो गए थे.
सवाल नंबर 2
चार दिन पहले अलवर एसपी ने दुष्कर्म बताया और अलवर में पीड़ित का इलाज करनेवाली डाक्टर ने वेजाइनल एंजुरी कैसे बताया था?
अलवर एसपी अश्विनी गौतम ने चार दिन पहले ने इस घटना को दुष्कर्म बताया था और कहा था कि दुष्कर्मियों को वह खोज कर लाएंगी, वहीं अलवर में पीड़िता का इलाज करने वाले डॉक्टर ने भी वेजाइनल एंजुरी की ओर से इशारा किया था. अलवर के राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था यहां के स्थानीय डॉक्टर ने भी वेजाइनल एंजुरी के बारे में बताया था. हालांकि उस वक्त भी डॉक्टर में मौखिक रूप से रेप होने से इनकार किया था.
सवाल नंबर 3
अगर यह हादसा है तो चोट पूरे शरीर में कहीं नहीं और केवल प्राईवेट पार्ट्स में हीं क्यों?
अलवर पुलिस ने पीड़िता का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वह चलते हुए दिखाई दे रही है? इसके बाद पुलिस ने इशारा किया है कि लड़की रेप नहीं बल्कि हादसा हुआ है कि लेकिन सवाल यह है कि लड़की को चोट केवल प्राइवेट पार्टस में ही कैसे लगे है?
सवाल नंबर 4
FSL टीम ने गाड़ी लगाकर ओवरब्रिज से बच्ची को फेंकना बताया तो फिर बच्ची को गाड़ी से किसने फेंका?
जयपुर से अलवर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कैमरे पर कहा था कि जांच में ऐसा लगता है कि ओवरब्रिज पर किसी गाड़ी से उतारकर लड़की को फेंका गया है. अगर ऐसा है तो बच्ची को किसने फेंका. इसका मकसद क्या है?
सवाल नंबर 5
घटनास्थल से बलात्कार की ओर इंगित करती सामग्री का क्या हुआ?
एक सवाल यह भी है कि घटनास्थल से जो सामग्री बरामद हुए थे, जो सबूत थे, उनके बारे में पुलिस कुछ क्यों नहीं बोल रही है?
सवाल नंबर 6
रेप के इनकार करने की टेक्निकल बातें बता रही है मगर रेप से इंकार नहीं कर रही है इसका मतलब क्या है?
पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने शुक्रवार को बताया कि एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर तीन बात सामने आई है, इसमें मुख्य रूप से दुष्कर्म की संभावनाएं नजर नहीं आती हैं फिर भी इस मामले की जांच जारी है जो भी आगे प्रमाण आएंगे, साक्ष्य मिलेंगे या नए तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर उसकी जांच की जाएगी और जांच के बाद ही नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा. आखिर पुलिस दोनों बातें क्यों कह रही है?
सवाल नंबर 7
बच्ची ओवरब्रिज के नीचे कैसे पहुंची यह पुलिस बता नहीं रही है?
अलवर पुलिस ये नहीं बता रही है कि लड़की ओवरब्रिज के नीचे कैसे पहुंची? अलवर पुलिस ने यह कहा कि पुलिस को सूचना मिलने एवं उस लड़की के पुल तक पहुंचने में करीब 10 मिनट का अंतर था उसके साथ क्या अंजली हुई है इसके लिए एविडेंस हो तथ्य जुटाए जा रहे हैं इस मामले के लिए 6 टीमें लगी हुई है जो उस पुलिया के आसपास ही अब जांच कर रही हैं पुलिस ने इस संबंध में करीब 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं