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मुख्तार अंसारीः यूपी पुलिस के रोपड़ आने से पहले ही एंबुलेंस से सबूत मिटाने में लगे उसके गुर्गे

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को आज यूपी लाया जाने वाला है. उससे पहले बाराबंकी से लाई गई मुख्तार अंसारी के लिए इस्तेमाल होने वाली एंबुलेंस रोपड़ के पास एक ढाबे पर मिली है. इस एंबुलेंस के साथ अंसारी के गुर्गों ने छेड़छाड़ करने की कोशिश भी की है.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • रोपड़ के एक ढाबे पर मिली एंबुलेंस
  • लावारिस हालत में खड़ी थी एंबुलेंस
  • 30 पुलिसकर्मियों की टीम लाएगी अंसारी को

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद उत्तर प्रदेश का बाहुबली विधायक पिछले दिनों मोहाली कोर्ट में पेश हुआ था. इस दौरान उसे जिस यूपी नंबर की एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट लाया गया था, वो निजी एंबुलेंस निकली थी. अब यही एंबुलेंस पंजाब के रोपड़ के पास एक ढाबे पर मिली है. यहां एंबुलेंस लावारिस हालत में मिली है. मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस के मामले की जांच के लिए रविवार को ही बाराबंकी पुलिस रोपड़ पहुंची थी. यूपी पुलिस के आने से पहले ही अंसारी के गुर्गे उस एंबलेंस को खुर्द-बुर्द करने में लग गए थे. हालांकि, शायद पुलिस के आने की सूचना अपराधियों को मिल गई होगी, इसलिए वो ढाबे पर ही एंबुलेंस को लावारिस हालत में छोड़कर भाग गए.

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एंबुलेंस का नंबर यूपी 41 एटी 7171 है, जो बाराबंकी में रजिस्टर्ड है.

ये एंबुलेंस पंजाब की रोपड़ जेल से 15 किलोमीटर दूर एक ढाबे पर खड़ी मिली थी. इस एंबुलेंस का इस्तेमाल मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट ले जाने के लिए किया गया था. इस एंबुलेंस को लेकर विवाद इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि ये सरकारी एंबुलेंस नहीं थी, बल्कि एक निजी एंबुलेंस थी. जेल में बंद मुख्तार अंसारी को स्पेशल एंबुलेंस दी गई और उसके पीछे दलील दी गई कि स्वास्थ्य के चलते कैदी अपनी एंबुलेंस इस्तेमाल करना चाहता है. इस एंबुलेंस की जांच के लिए एसआईटी भी गठित हो चुकी है. 

रविवार रात को ही बाराबंकी पुलिस की टीम एंबुलेंस की जांच के लिए रोपड़ पहुंची थी, लेकिन उससे पहले ही एंबुलेंस को खत्म करने की तैयारी हो रही थी. एंबुलेंस के आगे और पीछे की नंबर प्लेट को कीचड़ लगाकर छिपाने की कोशिश की गई. 

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ऐेसे में दो सवाल खड़े होते हैं...
पहलाः जब पंजाब पुलिस को इस एंबुलेंस के बारे में जानकारी थी और पुलिस की मौजूदगी में किसी एंबुलेंस में बैठकर मुख्तार अंसारी मोहाली की अदालत में पहुंचा था, तो एकदम ये एंबुलेंस गायब कैसे हो गई?
दूसराः पंजाब पुलिस को ये जानकारी थी कि इस एंबुलेंस के बारे में फर्जी दस्तावेजों को लेकर बाराबंकी में एफआईआर दर्ज हो चुकी है और यूपी पुलिस की कई टीमें तफ्तीश में लगी हैं, तो आखिर एंबुलेंस को बाहर निकालने के पीछे किसकी साजिश थी? पुलिस ने एंबुलेंस को कब्जे में क्यों नहीं लिया?

30 पुलिसकर्मियों की टीम लेकर आएगी यूपी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पंजाब की जेल से मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. उसे यूपी की बांदा की जेल में हाई सिक्योरिटी में रखा जाएगा. 30 पुलिसकर्मियों की टीम आज पंजाब जाएगी और वहां से मुख्तार अंसारी को यूपी लेकर आएगी. अंसारी को जीपीएस लगे वज्र वाहन से लाया जाएगा.

क्या है मामला
दरअसल, बीते दिनों मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस के जरिए मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी के नाम से फर्जी रुप से दर्ज कराया गया था. एंबुलेंस का नंबर यूपी 41 एटी 7171 है. यूपी में एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली कंपनी का बयान है कि मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट ले जाने वाली एंबुलेंस उत्तर प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल से नहीं जुड़ी है. अब इस मामले को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. जांच के बाद अस्पताल की संचालक डॉ. अलका राय का नाम सामने आया था. एआरटीओ की तहरीर पर अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. 

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