अंडमान निकोबार में उस लड़की की खुदकुशी के मामले ने तूल पकड़ लिया है जिसने सुसाइड से पहले बनाए वीडियो में DGP व अन्य पुलिस अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था. मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, इसपर सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार, अंडमान के मुख्य सचिव और DGP को नोटिस जारी किया है.
लड़की ने खुदकुशी से पहले एक वीडियो बनाया था. इसमें उसने अंडमान के DGP व अन्य पुलिस अधिकारियों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है उसमें केस को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग हुई है. साथ ही अंडमान के DGP को भी निलंबित करने की गुजारिश की गई है. तर्क दिया गया है कि इससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सकेगी.
याचिका में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म्स और अकाउंट्स पर आपराधिक जांच से संबंधित गोपनीय जानकारी प्रकाशित करने के लिए DGP अंडमान और अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की मांग भी की गई है.
खुदकुशी से पहले बनाए गए वीडियो में युवती ने अंडमान के DGP, 3 उप-निरीक्षकों और एक पत्रकार पर उसे आपराधिक मामलों में फंसाने और उसे परेशान करने का आरोप लगाया था.
अब मोहम्मद खालिद की याचिका पर जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने नोटिस जारी किया है. याचिका में कहा गया है कि DGP ने पूरी तरह गैर-जिम्मेदार और अविवेकपूर्ण तरीके से मृतका और उसके परिवार के बारे में ट्वीट किए. इतना ही नहीं डीजीपी ने पीड़िता को लेकर अपमानजनक और कलंकित बयान भी मीडिया को दिए. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट गोपाल शंकर नारायणन पेश हुए.
क्या है सुसाइड का मामला
दरअसल अगस्त 2021 में अंडमान और निकोबार निवासी 25 वर्षीया युवती का एक वीडियो सामने आया था, जिसने 30 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी. वहीं अंडमान पुलिस ने आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि उसकी आत्महत्या के पीछे व्यक्तिगत कारण थे. कहा गया था कि वह एक उप-निरीक्षक पंकज कुमार राय से नाराज थीं, जिसके साथ उनका रिश्ता था.
पुलिस ने यह भी कहा था कि इस साल 27 अप्रैल को उसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. उसे 28 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था लेकिन बाद में जमानत दे दी गई थी. पुलिस ने यह भी दावा किया कि 2018 में उस पर घर में चोरी का मामला दर्ज किया गया था.
एडवोकेट गोपाल ने कहा कि मामला अंडमान और निकोबार के DGP द्वारा किए गए आपत्तिजनक ट्वीट से जुड़ा है लेकिन आरोपी डीजीपी के खिलाफ जांच नहीं की गई है.