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लखनऊ में आत्मदाह करने वाली अंजलि की कहानी- पति, परिवार, पुलिस कहीं से नहीं मिला इंसाफ

अंजलि ने जब आसिफ से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने धर्म परिवर्तन की शर्त रखी. हालात में फंसी अंजलि मजबूर होकर आयशा बन गई. मौलवी ने उसका निकाह कराया. पर ये निकाह आसिफ के परिजनों को गंवारा नहीं था.

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आत्मदाह की कोशिश कर रहे अंजलि को बचाने की कोशिश करते पुलिसकर्मी (फोटो- पीटीआई)
आत्मदाह की कोशिश कर रहे अंजलि को बचाने की कोशिश करते पुलिसकर्मी (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • महिला थाने ने अंजलि की फरियाद को अनसुना किया
  • कार्रवाई के बजाय होती रही सुलह-समझौते की कोशिश
  • लखनऊ में जिंदगी की जंग हार गई अंजलि उर्फ आयशा

लखनऊ में विधानसभा मार्ग पर खुद को जलाने की कोशिश करने वाली अंजलि उर्फ आयशा जिंदगी की जंग हार गई. लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अंजलि की मौत कई सवाल छोड़ गई है. लेकिन अंजलि की मौत राज्य में महिला थाने के कॉन्सेप्ट पर भी सवाल खड़ी कर गई है. 

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यूपी शासन ने जिस सोच के साथ जिले में महिला थाने की स्थापना की उल उद्देश्य को हासिल कर पाने में ये थाना नाकाम दिख रहा है. अपने पति आसिफ रजा और ससुराल वालों के अत्याचार से आजिज आकर अंजलि जब अपनी फरियाद लेकर महिला थाने पहुंची तो वहां उसकी सुनी नहीं गई. अंजलि की फरियाद फाइलों में सिसकती रही पर, जिम्मेदार उसकी बातों को अनसुना कर कार्रवाई के बजाय सुलह-समझौते की कोशिश ही करते रहे.  

अपनी फरियाद पर कार्रवाई ना होती देख अंजलि ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुई. बता दें कि मंगलवार को अंजलि ने लखनऊ में विधानसभा के पास बीजेपी कार्यालय के गेट नंबर 2 के सामने न्याय की गुहार लगाते हुए अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी. इस दौरान वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे बचाने की कोशिश की. बुधवार को लखनऊ के सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान शाम को उसकी मौत हो गई. 

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अंजलि की कहानी जानने से पहले उसका अतीत जानना जरूरी है. अंजलि तिवारी उर्फ ज्योति झारखंड के पलामू जिला के चेपात की रहने वाली थी. उसकी जिंदगी में शादी के आठ साल के अंदर कई डरावने मोड़ आए, पर वह बिना विचलित हुए जिंदगी से जंग लड़ती रही. घुघली क्षेत्र के पिपराइच उर्फ पचरूखिया में शादी के बाद अंजलि पति के नशे की आदत से परेशान थी. 

कपड़े की दुकान में काम करते हुए आसिफ जिंदगी में आया

इस दौरान उसका पति से रिश्ता टूट गया. रिश्ता तोड़ने के बाद मां-बाप पर बोझ बनने के बजाय हालात से संघर्ष करते हुए अंजलि महराजगंज के वीर बहादुर नगर कस्बे में किराए का मकान लेकर अकेले रहने लगी. अपनी जिंदगी चलाने के लिए अंजलि ने एक कपड़े की दुकान में नौकरी की. 

इसी दौरान उसकी जिंदगी में राज उर्फ आसिफ रजा आया. दोनों ने सुनहरे ख्वाब देखे और धीरे-धीरे अंजलि उसके करीब आ गई. 

शादी करने के लिए धर्म बदलने की शर्त

अंजलि ने जब आसिफ से शादी का प्रस्ताव रखा तो उसने धर्म परिवर्तन की शर्त रखी. हालात में फंसी अंजलि मजबूर होकर आयशा बन गई. मौलवी ने उसका निकाह कराया. पर ये निकाह आसिफ के परिजनों को गंवारा नहीं था. आसिफ रजा के परिजनों ने अंजलि का उत्पीड़न शुरू कर दिया. इसके बाद आसिफ के साथ वह गोरखपुर चली गई. वहीं किराए पर कमरा लेकर रहने लगी. 

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अब आसिफ भी बदल गया

आसिफ पर आरोप है कि गोरखपुर में वह अंजलि पर अत्याचार करने लगा. कुछ ही दिनों बाद अंजलि को गोरखपुर में छोड़ आसिफ सऊदी अरब चला गया. आसिफ पिछले ढाई साल से सउदी अरब में ही रह रहा है.

रिश्ता तोड़ा, पैसा भेजना बंद किया

ऐसा करते करते ढाई साल गुजर गए. इस बीच आसिफ रजा ने अंजलि से संबंध तोड़ लिया और उसे पैसा भेजना बंद कर दिया. चार अक्तूबर को अंजलि गोरखपुर से वीर बहादुर नगर स्थित आसिफ के घर आकर धरने पर बैठ गई. 

आसिफ के परिजनों ने भी अपनाने से इनकार किया

आसिफ के परिजनों ने भी अंजलि को अपनाने से इनकार कर दिया और अपना दरवाजा बंद कर लिया. अंजलि को दरवाजे से हटाने की कोशिश शुरू हुई. पुलिस मौके पर पहुंची और अंजलि को महिला थाना भेज दी. महिला थाने में अंजलि ने अपनी पूरी कहानी सुनाई और इंसाफ की मांग की. 

महिला थाने की लापरवाही

लेकिन महिला थानाध्यक्ष ने उत्पीड़न के सभी आरोपों को नजरअंदाज कर दिया. इसके बाद मैनेज के खेल में सुलह-समझौता की बात शुरू हुई, लेकिन इसे मानने से अंजलि ने इनकार कर दिया. महिला थाना में अंजलि के आरोपों पर केस भी दर्ज नहीं किया गया. 

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अब इस मामले में पुलिस उन लोगों को घटना के लिए कसूरवार ठहराने पर तुली हुई है जिनपर कथित रूप से अंजलि को उकसाने का आरोप है. 

इस संबंध में महाराजगंज के एसपी प्रदीप गुप्ता का कहना है कि लखनऊ पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. वहां से सीओ स्तर के एक अधिकारी भी जांच करने आ चुके हैं. जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी. 

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