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सेक्स स्कैंडल में फंसे प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ नई एफआईआर, अब तक कुल चार मामले दर्ज

कर्नाटक के सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है. एक महिला के यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में ये केस किया गया है.

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कर्नाटक के सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ नया केस दर्ज.
कर्नाटक के सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ नया केस दर्ज.

कर्नाटक के सबसे चर्चित सेक्स स्कैंडल में फंसे जेडीएस नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है. एक महिला के यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में ये केस किया गया है. हासन से पूर्व भाजपा विधायक प्रीतम गौड़ा सहित तीन अन्य लोगों का भी इस एफआईआर में नाम है. इन पर यौन उत्पीड़न के दौरान प्रज्वल द्वारा खींची गई तस्वीरों को वीडियो कॉल पर शेयर करने का आरोप है.

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इस नई एफआईआर के साथ प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यह चौथा मामला दर्ज किया गया है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, "एसआईटी ने प्रज्वल और तीन अन्य के खिलाफ एक नया मामला दर्ज किया है. पूर्व भाजपा विधायक प्रीतम गौड़ा का भी एफआईआर में नाम है. इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 355ए (यौन उत्पीड़न), 354बी, 354 डी (पीछा करना), 506 (आपराधिक धमकी) और आईटी एक्ट की धारा 66 ई के तहत केस दर्ज किया गया है.

एसआईटी ने 31 मई को जर्मनी से बंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरने के तुरंत बाद प्रज्वल रेवन्ना को गिरफ्तार कर लिया था. वो हासन में लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान समाप्त होने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को जर्मनी फरार हो गए थे. सीबीआई के जरिए एसआईटी इंटरपोल से उनके ठिकाने की जानकारी मांगने के लिए 'ब्लू कॉर्नर नोटिस' जारी कराया था. एक विशेष अदालत ने 18 मई को प्रज्वल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था.

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प्रज्वल रेवन्ना को सोमवार को विशेष अदालत में पेश किया गया था, जहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. वो 8 जुलाई तक जेल में रहेंगे. दूसरी तरफ अपने ही पार्टी के वर्कर के साथ जबरन समलैंगिक संबंध बनाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए उनके छोटे भाई सूरज को भी अदालत ने एक जुलाई तक के लिए सीआईडी की कस्टडी में भेज दिया है. सीआईडी ​​को रविवार शाम सूरज रेवन्ना के केस से संबंधित फाइलें और दस्तावेज मिल गए थे. 

सीआईडी ​​ने पूछताछ के लिए उनको हिरासत में लेने के लिए बॉडी वारंट की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. इस मामले में अशोक नाइक को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है. सूरज के वकील ने सीआईडी कस्टडी पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वो खुद पुलिस के सामने पेश हुए थे. ऐसे में उनकी 14 दिन की कस्टडी की क्या जरूरत है. सरकारी वकील ने दलील दी कि जांच, सबूतों के संग्रह और क्राइम सीन रिक्रिएशन के लिए उनकी जरूरत है.

इस मामले में प्रज्वल और सूरज के पिता एचडी रेवन्ना ने रविवार को कहा था कि उनके बेटों को साजिश के तहत फंसाया गया है. उन्हें भगवान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जब समय आएगा तो वो सब कुछ बताएंगे. उन्होंने कहा था, "मैं किसी भी बात पर प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. सीआईडी को जांच करने दीजिए. किसने कहा कि जांच मत करो? मैं इस पर अभी कुछ नहीं कहूंगा. मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं.''

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उन्होंने आगे कहा था, "मैं ऐसी साजिशों से नहीं डरूंगा. मैं जानता हूं कि यह क्या है. सब समय तय करेगा." यह पूछे जाने पर कि साजिश कौन कर रहा है, तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता, मैं इसे आप पर छोड़ता हूं. मेरा बेटा सूरज पहले ही पुलिस के पास गया था. सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दिनों में क्या हुआ है." सूरज रेवन्ना ने भी अपने उपर लगे सभी आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है. उन्होंने पहले ही शिकायतकर्ता के खिलाफ केस किया था.

प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ पहले से तीन केस दर्ज हैं. उनके खिलाफ दर्ज पहला केस 47 साल की पूर्व नौकरानी के यौन शोषण से जुड़ा है. इसमें उनको मुख्य आरोपी ना बनाकर सहायक आरोपी यानी की आरोपी नंबर 2 बनाया गया है. इसे 28 अप्रैल को हासन के होलेनारसीपुरा में दर्ज किया गया था. इसमें उनके पिता एचडी रेवन्ना मुख्य आरोपी हैं. वो इस समय जमानत पर हैं. दूसरा केस सीआईडी ने दर्ज किया था. यह मामला 1 मई को दर्ज हुआ था. इसमें 44 साल की महिला ने कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. पीड़िता जेडीएस की महिला कार्यकर्ता है. तीसरा केस भी रेप का ही है.

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