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Attack On Owaisi: 'अगर मौका मिलता तो संभल में सितंबर में ही हो जाता हमला', पूछताछ में आरोपियों का खुलासा

मुख्य आरोपी सचिन शर्मा एक कट्टरवादी सोच का युवक है. वह 2012-13 से दिए जा रहे असदुद्दीन ओवैसी के बयानों से नाराज चल रहा था, लेकिन हाल ही में सांसद असदुद्दीन ओवैसी के दिए बयानों के बाद से उसने हमला करने का मन बना लिया था.

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ओवैसी पर हमले के दोनों आरोपी.
ओवैसी पर हमले के दोनों आरोपी.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आरोपियों ने पहले भी ओवैसी पर की थी हमले की कोशिश
  • आरोपी सचिन के पास से पुलिस को 6 जिंदा कारतूस भी मिले थे

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) पर जो हमला हापुड के छिजारसी टोल पर हुआ, अगर हमलावरों को मौका मिलता तो यह हमला सितंबर महीने में संभल में ही हो जाता और वह ज्यादा घातक और जानलेवा साबित होता. पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी सचिन शर्मा और उसके साथी ने शुभम ने कई अहम खुलासे किए हैं. फिलहाल जेल भेजे जा चुके दोनों आरोपियों को अब पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी में है.

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गुरुवार हापुड़ के छिजारसी टोल पर असदुद्दीन ओवैसी पर जिन दो हथियारों से गोली चली वह मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के राधना गांव से ही खरीदे गए थे. मुख्य आरोपी सचिन शर्मा के पास से 9 एमएम की पिस्टल और 3 खोखे पुलिस को बरामद हुए तो वहीं शुभम के पास से एक 32 बोर का रिवाल्वर और एक खोखा बरामद हुआ. दोनों ही आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में इतना तो साफ हो गया कि इस हमले में किसी अन्य साजिशकर्ता की फिलहाल भूमिका नहीं है. मुख्य आरोपी सचिन शर्मा ने ही इस पूरी घटना की प्लानिंग रची और अपने दोस्त शुभम को इसमें साथ लिया.

पहले भी हमले की कोशिश कर चुका था सचिन

सचिन शर्मा ने 3 से 4 बार कोशिश भी की. कई बार ओवैसी की रैलियों में पहुंचा, भीड़ के बीच उनके पास भी पहुंचा, लेकिन मौका नहीं मिला. पूछताछ में सचिन शर्मा ने बताया कि सितंबर में संभल में हुई एक रैली के दौरान भी सचिन ओवैसी के पास पहुंच गया था, लेकिन इससे पहले कि वह पिस्टल निकालता, उससे पहले सेल्फी लेने वाली भीड़ ने उसको वहां से धक्का देकर पीछे कर दिया. 

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गुरुवार को भी सचिन ने ही ओवैसी के ऊपर पहली गोली चलाई. ओवैसी की गाड़ी सचिन ने नीचे की ओर इसलिए ज्यादा गोलियां चलाई क्योंकि उसे अंदाजा था कि हमला होते ही आदमी आगे की तरफ झुकता है, नीचे बैठता है. ऐसे में नीचे गोली मारेंगे तो जरूर लगेगी. बस इसी नियत से सचिन ने 3 गोली चलाई और शुभम के रिवाल्वर से एक गोली चली. 

फिलहाल, पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है. सोमवार को पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी डाली जा सकती है ताकि पता चले कि यह हथियार मेरठ के किठौर से किससे खरीदे गए थे. इतना ही नहीं सचिन ने जिस 9 एमएम की पिस्टल से गोली चलाई, उसका कारतूस भी कहां से मिला? पुलिस के लिए बड़ा सवाल होगा क्योंकि 9 एमएम प्रतिबंधित बोर है और इसका कारतूस सिर्फ पुलिस को ही मिलता है. ऐसे में सचिन के पास 9 एमएम के कारतूस कहां से आई? सचिन के पास से पुलिस को 6 जिंदा कारतूस और 9 एमएम के 3 खोखे बरामद हुए थे.

 

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