दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. यहां बीए एलएलबी के एक छात्र ने पुलिस पर जबरदस्ती थाने ले जाकर रंगदारी मांगने और मारपीट करने का आरोप लगा है. छात्र का आरोप है कि पुलिस ने जबरन उसे पेशाब तक पिलाने की कोशिश की.
पुलिस ने बताया कि यह वायरल वीडियो एक साल पुराना है. पुलिस के आला अधिकारियों ने वीडियो की जांच और घटना की सत्यता सामने लाने के आदेश दे दिए हैं. दरअसल, यह पूरा मामला करीब 8 माह पुराना है.
बताया जा रहा है कि पीड़ित जीतू दलित समाज से ताल्लुक रखता है. दो साल पहले उसकी दोस्ती मनीष नाम के युवक से हुई थी. मगर, दोनों के बीच किसी बात पर मन मुटाव हो गया.
बीते 8 नवंबर 2022 को मनीष ने जीतू को ग्रेटर नोएडा के परी चौक के पास एसएनजी मॉल में मिलने के लिए बुलाया. मनीष और जीतू बात कर ही रहे थे कि अचानक से Beta 2 थाना की पुलिस पहुंची और जीतू को मनीष से रंगदारी मांगने के आरोप में थाने ले गई थी.
छात्र को थाने ले जाकर पीटने का पुलिस पर आरोप
पीड़ित छात्र जीतू का आरोप है कि थाने ले जाकर एक कमरे में बंद कर उसे जमकर पीटा गया. वह चीखता चिल्लाता है. हद तो तब पार हो जाती है, जब पानी मांगने पर पेशाब पिलाने की कोशिश की जाती है. यह पूरा मामला जीतू के फोन में चल रहे कैमरे में कैद हो जाता है.
जीतू ने फोन पर बात करते हुए बताया कि 2 साल पहले नोएडा के सेक्टर 73 स्थित ए स्क्वेयर मॉल में उसकी मुलाकात मनीष से हुई थी. जब उसे पता चला कि मनीष स्पा की आड़ में गलत काम कर रहा है, तो वह मनीष से दोस्ती खत्म कर दूर हो जाता है.
इसके बाद 18 नवंबर 2022 को जीतू को चाय पिलाने के बहाने मनीष परी चौक स्थित एसएनजी मॉल में बुलाता है. उसके साथ बातचीत भी करता है, जहां मनीष की पत्नी पायल भी उसके साथ मौजूद होती है.
छात्र को जबरन झूठे केस में फंसाने का आरोप
जीतू ने बताया कि कुछ देर बाद पुलिस वाले आते हैं. उनके हाथ में मनीष पैसे थमा देता है और वह पैसे लेकर तुरंत ही उसके पास आते हैं. सारे पैसे जबरदस्ती उसकी पिछली जेब में रख देते हैं. फिर उसे पकड़कर थाने ले जाते हैं और मनीष से रंगदारी मांगने का झूठा मुकदमा दर्ज कर देते हैं.
इसके बाद थाने में ऊपर बने कमरे में ले जाकर जीतू के साथ 5 से 6 पुलिस वालों ने जमकर मारपीट की. यह सारी घटना जीतू के फोन में हिडन कैमरा में कैद हो गई, जिसकी जानकारी पुलिस वालों को नहीं लगी.
पुलिस वाले जीतू के फोन का लॉक खुलवा कर मनीष और उनकी बातचीत डिलीट करना चाहते थे, जो उसके फोन में रिकॉर्ड हुई थी. पुलिसवालों की मिलीभगत से मनीष स्पा की आड़ में गलत काम कर रहा था.
पुलिस ने दिए जांच के आदेश
जीतू का कहना है कि पुलिस वाले इन वीडियो को डिलीट करने का दबाव भी बना रहे हैं. कह रहे हैं कि अगर वह वीडियो डिलीट कर देगा, तो उसको पर लगे मुकदमे को खत्म करवा देंगे. मगर, पुलिस उसे केवल आश्वासन ही दे रही है और उसकी शिकायत पत्र के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
इस मामले की जांच ग्रेटर नोएडा के एडीसीपी अशोक कुमार को सौंपी गई है. उन्होंने फोन पर बात करते हुए बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. जो भी वीडियो साक्ष्य के रूप में उन्हें मिले हैं, उनको देखा जा रहा है. जो भी इसमें आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.