बदायूं में एक महिला के साथ पहले तो बर्बरता हुई. गैंगरेप के बाद दरिंदों ने उसके शव को छत विक्षत कर डाला. हड्डी पसली तोड़ डाली. प्राइवेट पार्ट में रॉड तक डाल दिया. इसके बाद पुलिस ने जो किया, वो तो और भी शर्मनाक था. बताया जा रहा है कि महिला आंगनबाड़ी सेविका थी. उसके बिसरा को फारेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है. महिला आयोग की टीम पीड़िता के घर पहुंच गई है.
दिल दहला देने वाला ये निर्भयाकांड बदायूं के उद्यैती थाना क्षेत्र का है, जहां 3 जनवरी की शाम 50 साल की एक आंगनबाड़ी सेविका एक मंदिर में पूजा करने गई थी. उसे क्या पता था कि जिस मंदिर में वो पूजा करने जा रही है, उस मंदिर के महंत और उसके चेलों के रूप में वहां दरिंदे बैठे मिलेंगे.
ये महिला मंदिर में पूजा कर रही थी. आरोप है कि मंदिर में ही मौजूद महंत सत्यनारायण, उसके चेले वेदराम और ड्राइवर जसपाल ने महिला को वहीं दबोच लिया. इन तीनों ने महिला के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं. इन दरिंदों ने महिला के साथ गैंगरेप किया और उसके बाद तो जो कुछ भी हुआ, उसे सुनकर तो किसी राक्षस का भी कलेजा कांप उठेगा.
इन दरिंदों ने महिला के पैर की हड्डी तोड़ डाली, पसलियां तोड़ डालीं. सीने पर भारी वस्तु का प्रहार किया, जिससे महिला के फेफड़े डैमेज हो गए. यही नहीं इन दरिंदों ने तो दिल्ली के निर्भयाकांड की तर्ज पर महिला के प्राइवेट पार्ट में राडनुमा चीज घुसेड़ डाली. गांव से दूर इस मंदिर में महिला की चीखें गूंजती रही, लेकिन उसकी आवाज किसी के कानों में नहीं पड़ी.
3 जनवरी की रात 11 बजे महंत और उसके चेले महिला की खून से लथपथ लाश को उसके घर फेंककर चले गए. महंत सत्यनारायण ने घर वालों को बताया कि महिला की लाश कुएं में पड़ी मिली थी, उसने तो पुलिस से लेकर मीडिया को भी गुमराह करने की पूरी कोशिश की.
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हैवानों ने दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं और बदायूं पुलिस इस मायावी महंत की कहानी पर चल रही थी. महंत पुलिस को बहला रहा था और पुलिस बहल भी रही थी. पुलिस ने ये तक नहीं सोचा कि आखिर इस महिला की ऐसी हालत कैसे हुई, कैसे उसकी लाश इतनी क्षत विक्षत हालत में मिली थी.
खैर पुलिस ने महंत से पूछताछ की, लेकिन उसे गिरफ्तार करने की जहमत नहीं उठाई, जिसकी वजह से मंगलवार की सुबह तक तीनों आरोपी गांव से फरार हो गए. मामला तूल पकड़ा, इसके बाद पुलिस ने आंगनबाड़ी सेविका के परिजनों की तहरीर पर महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम और ड्राइवर जसवाल के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया.
अफसरों ने अपना चेहरा बचाने के लिए इंस्पेक्टर राघवेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया. आरोपियों को पकड़ने के लिए चार टीमें बना दी गई हैं. आरोपियों पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा है, लेकिन महंत सत्यनारायण अभी भी फरार है. इस बर्बर हत्याकांड के बाद पूरे गांव में आक्रोश है.