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कर्नाटक के बेंगलुरु का माइको लेआउट थाना. 12 जून की सुबह सभी पुलिस वाले थाने में ड्यूटी दे रहे थे. तभी थाने के सामने एक ऑटो आकर रुका. उससे एक महिला बाहर निकली. उसके हाथों में नीले रंग का एक ट्रॉली बैग था. महिला बैग लेकर सीधे थाने के अंदर आ गई.
पुलिस वालों को लगा कि शायद यह महिला कोई FIR दर्ज करवाने आई है. लेकिन तभी महिला ने पुलिस वालों को बताया कि उसका नाम सोनाली सेन है. वह एक फिजियोथेरेपिस्ट है. पुलिस वालों ने उससे वहां आने का मकसद पूछा तो महिला ने बताया कि उसने अपनी मां की हत्या कर डाली है.
यह सुनते ही पुलिस वालों को लगा कि शायद वह महिला या तो दिमागी रूप से बीमार है. या फिर कोई मजाक कर रही है. लेकिन महिला ने फिर से कहा कि उसने अपनी मां की हत्या की है और इस बैग में उनकी लाश है.
यह सुनते ही पुलिस वालों के रोंगटे खड़े हो गए. पुलिस वालों ने कहा कि ठीक है यह बैग खोलकर दिखाओ. जैसे ही महिला ने बैग खोला तो देखा कि सच में उसके अंदर एक बुजुर्ग महिला की लाश थी. हाथ और पैर मोड़कर लाश को बैग में डाला गया था. उसमें एक बुजुर्ग शख्स की फोटो भी थी.
सोनाली ने बताया कि यह उसके पिता की तस्वीर है. वो बोली कि मेरी मां मुझे बार-बार कह रही थी कि मुझे मार डालो. इसलिए मैंने उन्हें मार दिया. महिला का यह बयान सुनकर पुलिस को भी यकीन नहीं हो पा रहा था. उन्होंने महिला को कुर्सी पर बैठाया फिर विस्तार से पूरी कहानी सुनाने को कहा.
महिला ने बताया कि वह पश्चिम बंगाल की रहने वाली है. उसकी उम्र 39 साल है. सोनाली ने बताया कि वह अपने माता-पिता की एकलौती औलाद थी. जब उसकी शादी हो गई तो पति के साथ वह बेंगलुरु शिफ्ट हो गई. ससुराल में उसका पति और सास ही हैं. वहीं, उसके माता-पिता कोलकाता में रहते थे.
कुछ साल पहले पिता की बीमारी के कारण मौत हो गई. जिसके बाद उसकी मां अकेली हो गई. मां का ख्याल रखने वाला कोई नहीं था. इसलिए उसने मां को भी अपने पास बेंगलुरु बुला लिया. पहले कुछ दिन तक तो सब कुछ सही चला. लेकिन बाद में उसकी मां और सास के बीच लड़ाई-झगड़े होने लगे. दोनों की आपस में नहीं बन रही थी.
रोज-रोज के झगड़ों से तंग आकर सोनाली ने अपनी नौकरी छोड़ दी, ताकि वह घर में हो रहे झगड़ों को रोक सके. लेकिन बावजूद इसके उसकी मां और सास की लड़ाई होती रहती थी. रविवार को भी किसी छोटी सी बात पर उनके बीच बहुत बहस हुई. तब सोनाली और उसके पति ने जैसे-तैसे दोनों को शांत करवाया.
सोनाली का पति अपनी मां को समझाने लगा तो वहीं सोनाली अपनी मां को. तब सोनाली की मां ने उससे कहा 'तू मुझे मार डाल. तभी ये लड़ाई-झगड़े खत्म होंगे और तेरी जिंदगी सही रहेगी.' सोनाली ने मां को समझाया कि ऐसी बातें नहीं करते. वो रात तो उनकी कट गई. लेकिन सुबह जब सोनाली की नींद खुली तो उसने देखा कि उसकी मां और सास फिर से लड़ रही हैं. पति भी नौकरी पर चला गया था. सोनाली फिर से दोनों के पास गई और लड़ाई खत्म करवाने लगी.
मां को दी नींद की गोलियां, फिर घोंट दिया गला
उसने अपनी सास को दूसरे कमरे में जाने को कहा और अपनी मां को वह अपने कमरे में ले आई. फिर दोबारा से उसकी मां ने वही सब बोलना शुरू कर दिया कि तू मुझे मार डाल. सोनाली ने इस बार मां को नींद की बहुत सी गोलियां खिला दीं और कहा कि हां आपके मरने के बाद ही मेरी जिंदगी सही होगी. मां ने भी इसका विरोध नहीं किया और गोलियां खा लीं. लेकिन गोलियां खाते ही उनकी तबीयत खराब होने लगी. मां को वह तड़पता हुआ देख ना सकी तो उसने उनका गला घोंटकर उन्हें मार डाला.
सास और पति को कुछ नहीं पता: सोनाली
सोनाली ने बताया कि इस बारे में न तो उसके पति को कुछ पता है और न ही सास को कोई जानकारी है. क्योंकि उसकी सास उस समय दूसरे कमरे में थी. सोनाली का यह बयान सुनते ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है. वहीं, उसकी मां के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है.
अब पुलिस के सामने दो सवाल हैं. क्या सच में सोनाली ने अपनी मां की इच्छा पूरी की या फिर रोज-रोज के लड़ाई-झगड़ों से तंग आकर उसने यह कदम उठाया? मामले में जांच जारी है.
(इनपुट: नागार्जुन)