सेनारी हत्याकांड में पटना हाई कोर्ट के फैसले को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कल शुक्रवार को सभी दोषियों को बरी करने का फैसला सुनाया था. साल 1999 में हुए इस हत्याकांड में 34 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी.
जहानाबाद के सेनारी में 18 मार्च 1999 को अपराधियों ने इस खूनी वारदात को अंजाम दिया था. अपराधियों ने 34 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. निचली अदालत ने साल 2016 में 10 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, वहीं 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
पटना हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 13 दोषियों को बरी कर दिया था. दरअसल, दोषियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी. साल 2016 में निचली अदालत ने 20 आरोपियों को बरी कर दिया था. इस केस में कुल 70 आरोपी थे, जिनमें 4 की मौत हो चुकी है.
HC का तत्काल रिहाई का आदेश
हाई कोर्ट ने शुक्रवार को सेनारी हत्याकांड के 13 दोषियों को बरी करते हुए तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था. जिसके बाद अब शनिवार को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
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क्या है सेनारी हत्याकांड?
बिहार के जहानाबाद जिले के सेनारी गांव में एक साथ 34 लोगों का कत्ल कर दिया गया था. यह दो समूहों के टकराव का मामला था. इन लोगों को बांधकर गला रेता गया था. इस हत्याकांड ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया था.
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