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विजय डांगी सुसाइड केस: BJP MLA की मांग पर इंदौर पुलिस ने SIT को सौंपी जांच

मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए विजय डांगी सुसाइड केस की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है. इस मामले में मृतक के दादा भाजपा विधायक हजारीलाल डांगी ने पुलिस को शिकायत दी थी. इसमें कहा गया था कि उनके 21 वर्षीय पोते की मौत सामान्य नहीं है.

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विजय डांगी सुसाइड केस की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है.
विजय डांगी सुसाइड केस की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है.

मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए विजय डांगी सुसाइड केस की जांच एसआईटी को सौंप दी गई है. इस मामले में मृतक के दादा भाजपा विधायक हजारीलाल डांगी ने पुलिस को शिकायत दी थी. इसमें कहा गया था कि उनके 21 वर्षीय पोते की मौत सामान्य नहीं है. उसे खुदकुशी के लिए मजबूर किया गया था.

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राजगढ़ के खिलचीपुर से विधायक हजारीलाल डांगी ने अपने पोते विजय डांगी की आत्महत्या के पीछे "किसी व्यक्ति की दुर्भावना या मानसिक प्रताड़ना" का संदेह जताया है. 20 मई को इंदौर के गांधी नगर इलाके में विकास का शव एक किराए के मकान में मिला था. उसने कथित तौर पर जहर खाया था.

पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि विजय उर्फ विकास इंदौर के एक प्रतिष्ठित संस्थान में एलएलबी का छात्र था. उसने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए खुद को जिम्मेदार बताया था. लेकिन उसके परिजनों को मौत के कारण पर शक है.

इसी वजह से विकास के दादा भाजपा विधायक हजारीलाल डांगी ने अपने एक प्रतिनिधि के माध्यम से पुलिस को आवेदन भेजकर नए सिरे से जांच की मांग की थी. इसके बाद इंदौर के पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने नौ सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है. 

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विजय डांगी ने तीन पेज के सुसाइड नोट में लिखा था कि वो अपनी मर्जी से जान दे रहा है. उसकी मौत का जिम्मेदार कोई दूसरा नहीं है. उसने माता-पिता से माफ कर देने का आग्रह किया था. इसके साथ ही उसने बड़े भाई के लिए लिखा था कि वो उसके परिवार के सदस्यों का ध्यान रखे.

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