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भारत-बांग्लादेश सीमा पर BSF की बड़ी उपलब्धि, महज एक साल में जब्त किया 461 करोड़ की तस्करी का सामान

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. साल 2024 में बीएसएफ ने तस्करों के प्रयासों को विफल करते हुए 461.07 करोड़ रुपए की तस्करी की वस्तुएं जब्त की हैं. ये जब्ती पिछले 10 साल में सबसे अधिक है. मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ये जानकारी दी है.

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भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. साल 2024 में बीएसएफ ने तस्करों के प्रयासों को विफल करते हुए 461.07 करोड़ रुपए की तस्करी की वस्तुएं जब्त की हैं. ये जब्ती पिछले 10 साल में सबसे अधिक है. मंगलवार को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी गतिविधियों को रोकने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाया है. इसमें 24 घंटे निगरानी, गश्त और चौकियों की स्थापना शामिल है.

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गृह राज्य मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2015 से बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर 2806.17 करोड़ रुपए की तस्करी की वस्तुएं जब्त की हैं. इनमें से 461.07 करोड़ रुपये की वस्तुएं अकेले साल 2024 में जब्त की गई हैं. उन्होंने कहा, "सीमा पार तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ के जवान चौबीसों घंटे भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात हैं. बीएसएफ ने सीमा पर अपने कर्मियों की तैनाती बढ़ा दी है. सीमा पर तस्करों को रोकने के लिए बाड़ लगाई है.

इसके साथ ही अंधेरे में होने वाली तस्करी को रोकने के लिए फ्लडलाइट्स लगाई गई हैं. जलयानों और नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है. नदी क्षेत्र पर नियंत्रण के लिए सीमा चौकियां (बीओपी) भी स्थापित की गई हैं. सीमा पर तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ ने हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर (एचएचटीआई), नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी), ट्विन टेलीस्कोप और मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) जैसे उन्नत तकनीकी उपकरण तैनात किए हैं. इसके साथ ही खुफिया तंत्र को विकसित किया है.

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बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में तस्करों नेबीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों पर हमला कर दिया था. इसके साथ ही जबरन तस्करी करने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ के जवानों ने जानलेवा हमले का डटकर सामना किया. इस दौरान जवाबी फायरिंग में एक तस्कर घायल हो गया. बाकी तस्कर जवानों के कड़े रुख को देखते हुए फरार हो गए. मौके से 787 बोतल फेंसेडिल सिरप और एक धारदार हथियार बरामद किया गया था.

जानकारी के मुताबिक, 9 मार्च की सुबह करीब 5:30 बजे सीमा चौकी कलंची पर दूसरी शिफ्ट की ड्यूटी के दौरान जवानों ने भारतीय सीमा क्षेत्र में 4-5 तस्करों की कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं. ये तस्कर इच्छामती नदी के पुल के नीचे से अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर तेजी से बढ़ रहे थे. एक जवान ने तुरंत पूरी टीम को सचेत किया और तस्करों की ओर दौड़ पड़े. उन्होंने तस्करों को ललकारा और उन्हें तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड फेंकना शुरू किया. हमला तेज कर दिया.

इस दौरान तस्करों ने बीएसएफ के जवानों की चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने जवानों को चारों तरफ से घेर लिया. जान का खतरा महसूस करते हुए जवान ने आत्मरक्षा में उन पर फायरिंग की, जिसमें एक तस्कर घायल हो गया, बाकी तस्कर घने कोहरे का फायदा उठाकर भाग गए. इलाके की गहन तलाशी के बाद मौके से 2 बोरियों में 787 बोतल फेंसेडिल और 1 धारदार दाह बरामद किया गया. घायल तस्कर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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