बुलंदशहर रेप पीड़िता की मौत के बाद अब कई सवाल उठ रहे हैं. पीड़िता के मामा के मुताबिक, तीन महीने पहले बच्ची से दुष्कर्म किया गया था, जिसमें केवल एक ही आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. परिवार लगातार दो और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा था, लेकिन पुलिस की लापरवाही की वजह से मामला बढ़ गया.
पीड़िता के मामा के मुताबिक, एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद से ही पीड़िता और उसके परिवार पर सुलह के लिए दबाव बनाया जा रहा था, धमकी दी जा रही थी, जिसकी शिकायत के लिए परिवार लगातार पुलिस के पास लेकर जा रहा था, लेकिन पुलिस केवल आश्वासन देती आ रही थी.
पीड़िता के मामा ने बताया कि मंगलवार सुबह जब बच्ची घर में अकेली थी और कूड़ा फेंकने जैसे ही वो बाहर गई, चा लोगों ने बच्ची पर पेट्रोल डालकर जला दिया, जिसके बाद शाम को दिल्ली के अस्पताल में बच्ची की मौत हो गयी. पुलिस ने 7 नामजद लोगों की खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
पीड़िता के परिवार का कहना है कि आरोपी दबंग लोग हैं और बच्ची गरीब परिवार से है, इसलिए केवल आश्वासन दिया जा रहा है, अगर पुलिस सख्त कदम समय रहती उठाती तो बच्ची की जान बच जाती. इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संतोष कुमार सिंह ने क्षेत्राधिकारी और दो थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की है.
इस मामले में बीट सब इंस्पेक्टर और बीट कॉन्स्टेबल को भी सस्पेंड कर दिया गया है. बुलंदशहर में रेप पीड़िता को जिंदा जलाने के मामले में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. संजय, काजल, बनवारी, बदन सिंह, वीर सिंह, जसवंत सिंह, गौतम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जहांगीराबाद पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है.