scorecardresearch
 

सास ने बेटी पैदा होने के डर से बहू के साथ जो किया, उसे जानकर दंग रह जाएंगे!

उत्तर प्रदेश के भदोही में बेटी पैदा होने के डर से एक आशा वर्कर ने अपनी बहू के साथ हैवानियत की हद कर दी. उसने अपनी बहू का जबरन गर्भपात कर दिया, क्योंकि उसे डर था कि वो तीसरी बार भी बेटी न पैदा कर दे. इस दौरान बहू की हालत बहुत खराब हो गई.

Advertisement
X
भदोही में बेटी पैदा होने के डर से एक आशा वर्कर ने अपनी बहू के साथ हैवानियत की हद कर दी.
भदोही में बेटी पैदा होने के डर से एक आशा वर्कर ने अपनी बहू के साथ हैवानियत की हद कर दी.

उत्तर प्रदेश के भदोही में बेटी पैदा होने के डर से एक आशा वर्कर ने अपनी बहू के साथ हैवानियत की हद कर दी. उसने अपनी बहू का जबरन गर्भपात कर दिया, क्योंकि उसे डर था कि वो तीसरी बार भी बेटी न पैदा कर दे. इस दौरान बहू की हालत बहुत खराब हो गई. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस मामले में पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर आरोपी महिला सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. 

Advertisement

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आशा वर्कर (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता), उसके बेटे और परिवार के चार अन्य सदस्यों के खिलाफ पीड़िता की सहमति के बिना गर्भपात कराने, दहेज के लिए क्रूरता करने, जानबूझकर चोट पहुंचाने, अपमानित करने, आपराधिक धमकी देने और दहेज निषेध अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है.

पीड़िता के परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, साल 2017 में शादी के बाद से ही उसे उसके पति और ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए परेशान किया जा रहा है. पीड़ित महिला को नियमित रूप से प्रताड़ित किया जाता था. उस पर अपने माता-पिता से एक लाख रुपए लाने का दबाव बनाया जाता था. खासकर उसकी दो बेटियों को जन्म देने के बाद तो उसके ससुराल वाले उसे हर रोज प्रताड़ित करने लगे.

Advertisement

इसी बीच मार्च में पीड़िता तीसरी बार गर्भवती हो गई. इसके बाद उसकी सास ने कहा कि उन्हें एक और बेटी की जरूरत नहीं है. ऐसे में गर्भपात करा ले. लेकिन पीड़िता नहीं मानी, तो उन लोगों ने जबरन उसे गोलियां खिला दी, जिससे उसका गर्भपात हो गया. पीड़ित पर एक बार फिर दहेज देने का दबाव दिया गया. मजबूर होकर उसके परिजनों ने उनकी मांग पूरी कर दी. लेकिन ससुराल का मन नहीं भरा.

21 मार्च, 2024 को पीड़िता को उसकी दो बेटियों के साथ घर से बाहर निकाल दिया गया. वो किसी तरह अपने मायके पहुंची. वहां परिजनों के सहयोग से उसने 13 अप्रैल, 2024 को सिविल जज (महिला उत्पीड़न) कोर्ट में याचिका दायर की. उसकी याचिका पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने 17 दिसंबर को पुलिस को सभी छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. पुलिस केस की जांच कर रही है.

Live TV

Advertisement
Advertisement