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कांग्रेस MLA और उनके बेटे पर मामला दर्ज, सब-इंस्पेक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप

पुलिस ने कांग्रेस विधायक और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने बताया कि मृत SI ने पत्नी ने अपनी शिकायत में विधायक और उनके बेटे पर कई आरोप लगाए हैं. वहीं, इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है.

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कांग्रेस MLA और उनके बेटे पर मामला दर्ज. (Photo Source @Social Media)
कांग्रेस MLA और उनके बेटे पर मामला दर्ज. (Photo Source @Social Media)

कर्नाटक पुलिस ने एक दलित सब-इंस्पेक्टर की कथित तौर पर आत्महत्या के बाद शनिवार को कांग्रेस विधायक चन्नारेडी तन्नूर और उनके बेटे पंपनगौड़ा तन्नूर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. दारोगा की तैनाती के 7 महीने के अंदर उनका ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. गृह विभाग के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर पैदा हुए विवाद के बाद राज्य सरकार ने जांच सीआईडी को सौंप दी है.

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परशुराम  की पत्नी श्वेता एनवी की शिकायत पर विधायक और उनके बेटे पर मामला दर्ज किया गया है. विधायक और उनके बेटे के खिलाफ शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने, आत्महत्या के लिए उकसाने और ज्वाइंट क्रिमिनल लायबिलिटी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस अधिकारी की पत्नी ने आरोप लगाया है कि इन दोनों (पिता-पुत्र) ने कथित तौर पर उनके पति का ट्रांसफर न हो उसके लिए 30 लाख रुपये की मांग की थी. 

श्वेता ने कहा कि जब से उनका तबादला हुआ है, तब से परशुराम रो रहे थे और उन्होंने उनसे कहा था कि उन्हें आत्महत्या करने का मन हो रहा है. जब गर्भवती श्वेता अपने बच्चे की डिलीवरी के लिए अपने माता-पिता के घर रायचूर गई तो उसे पता चला कि परशुराम को नाक और मुंह से खून बहने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घटना के बाद दलित संघर्ष समिति (डीएसएस) के सदस्यों ने परशुराम के लिए न्याय की मांग करते हुए सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में श्वेता भी शामिल थी.

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पुलिस दे रही है विधायक का साथ: SI की पत्नी

मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग विधायक का समर्थन कर रहा है, न कि उनके पति का. उन्होंने कहा, “विभाग ही आज उनके पास नहीं है. बल्कि वह विधायक का समर्थन कर रही है. यह धन लुटाने वाले का साथ देता है. यह उसे पैसे देता है और उसका समर्थन करता है. आप उसे कितने पैसे से खाना खिलाना चाहते हैं? क्या आप एक विधायक पालेंगे? क्या आप एक विधायक के लिए अपने माता-पिता और परिवार को नजरअंदाज कर दिन-रात मेहनत करते हैं? इसके लिए ये विधायक जिम्मेदार हैं लेकिन वो अभी तक यहां नहीं आए हैं. मुझे एफआईआर चाहिए. हम न्याय चाहते हैं.

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि उन्होंने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं. हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह आत्महत्या थी.

गृह मंत्री ने मीडिया से कहा कि उन्होंने (परशुराम ने) आत्महत्या नहीं की. उन्होंने कोई डेथ नोट नहीं लिखा था. उनकी पत्नी ने शिकायत की है कि वह ट्रांसफर की समस्या से परेशान हैं. मैं उनके आरोप पर विचार करूंगा. उस आयाम में जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रारंभिक जानकारी एकत्र कर रही है और जांच कर रही है.

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BJP और JDS ने किया प्रदर्शन

इस घटना ने राजनीतिक मोड़ ले लिया और विपक्षी भाजपा और जद (एस) ने ईमानदार अधिकारियों को आत्महत्या की ओर धकेलने के लिए सरकार की आलोचना की.

केंद्रीय मंत्री एच.डी कुमारस्वामी ने विरोध प्रदर्शन में कहा, “आपके समुदाय के एक पुलिस उप-निरीक्षक की आत्महत्या से मृत्यु हो गई है. उसने ऐसा क्यों किया? उनकी पत्नी का आरोप है कि उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि वह विधायक को रिश्वत के तौर पर 25 लाख रुपये नहीं दे सके.'' 

उन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या परमेश्वर इसी तरह डॉ. बीआर अंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे. अपनी प्रतिक्रिया में परमेश्वर ने कहा कि वह कानून के अनुसार चलते हैं, अपने समुदाय के अनुसार नहीं. भाजपा नेताओं ने कहा कि इससे पहले कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के लेखा अधीक्षक, चंद्रशेखरन पी की आत्महत्या से मृत्यु हो गई. चंद्रशेखरन ने अपने सुसाइड नोट में 187 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण के बारे में बताया, जिसके कारण पूर्व मंत्री बी नागेंद्र और 12 अन्य सरकारी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई.

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