उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक लड़की की मौत के बाद हंगामा बरपा है और आरोप पुलिस पर लगे हैं. अब पोर्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. इसके मुताबिक, कोई चोट के निशान नहीं हैं. सिर्फ दो निशान मिले हैं. गले में खरोंच के निशान जरूर मिले. इस बीच लड़की की बहन ने आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में कई खुलासे किए हैं.
दरअसल, गैंगस्टर कन्हैया यादव के घर दबिश देने गई पुलिस को गैंगस्टर तो नहीं मिला, लेकिन पुलिस टीम के लौटने के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में गैंगस्टर की बेटी की मौत हो गई. मौत से गुस्साए गांववालों ने सड़क जाम कर दिया. कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की. गांववालों का आरोप है कि पुलिस की मारपीट से लड़की की जान गई है.
चंदौली की घटना के बाद आज दूसरे दिन आजतक संवाददाता ने कन्हैया यादव के घर पहुंच कर हालात का जायजा लिया. हम कन्हैया यादव के घर के अंदर पहुंचे और उस जगह को भी देखा जहां परिजनों द्वारा आरोप लगाया गया था कि इसी कमरे में निशा की मौत हुई थी. इसके बाद हमने निशा की बहन गुंजा से बात की.
मृतका की बहन बोली- रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन...
गुंजा ने बताया कि पुलिस वाले आये तो वो दरवाजा बंद करने के लिए नीचे भागी लेकिन तब तक पुलिस घर में घुस चुकी थी. पुलिस ने दोनों बहनों से मारपीट की और वापस चली गई. इसके बाद गुंजा ज़ब भागकर ऊपर के कमरे मे पहुंची तो उसकी बहन निशा कमरे में पंखे से लटकी हुई थी. उसका पैर जमीन से छू रहा था.
इसके बाद गुंजा ने अपनी बहन को नीचे उतारा. गुंजा ने बताया कि उसने पुलिस वालों को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. गुंजा अभी जख्मी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए थाने के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि आधा दर्जन पुलिसवालों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं
इस बीच लड़की की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई. पुलिस की दबिश के दौरान हुई युवती की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई अंदरूनी या बाहरी चोट नहीं मिली है. लड़की के शरीर पर मिले दो निशान मिले है. गले के सामने खरोंच और बाएं जबड़े के नीचे 0.5 सेंटीमीटर की मामूली चोट पाई गई. पूरे शरीर में कहीं कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर उठे सवाल
निशा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई गंभीर चोट नहीं है और ना ही आत्महत्या की पुष्टि. फिर मौत कैसे हुई? घरवालों ने कहा कि पुलिस ने मारपीट कर फांसी के फंदे से लटका दिया लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग नहीं आया. लड़की ने घर में फांसी लगाई लेकिन फांसी के फंदे से लटकते किसी बाहरी ने क्यों नहीं देखा.
पुलिस की मारपीट में युवती घायल थी तो अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? गले के सामने खरोंच और बांए जबड़े के नीचे आधा सेंटीमीटर की चोट कैसे आई? मौत का कारण साफ नहीं इसलिए विसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा गया. अमूमन जहर खाने से हुई मौत के मामले में विसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा जाता है.
कौन है हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव?
सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव के रहने वाले कन्हैया यादव बालू का कारोबारी है. ऐसी भी चर्चा है कि कन्हैया यादव खनन माफियाओं से सांठगांठ कर बालू का अवैध कारोबार भी करता था. कन्हैया यादव का पुराना आपराधिक इतिहास है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे की न सिर्फ कन्हैया यादव बल्कि उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग मामलो मे मुक़दमे दर्ज हैं.
क्यों दबिश देने गई थी पुलिस?
कोर्ट से कन्हैया यादव के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था और पुलिस उसकी तलाश में रविवार की शाम उसके घर पर दबिश देने गई थी. जिस वक्त पुलिस ने घर पर दबिश दी, उस वक्त घर पर निशा और गुंजा नाम की दो बहनें ही मौजूद थी. पुलिस ने दबिश देने के दौरान पूछताछ के नाम पर दो बहनों के साथ मारपीट की.
परिजनों का आरोप है कि इससे बचने के लिए बड़ी बहन निशा पहली मंजिल पर चली गई. उसके पीछे महिला और पुलिस कांस्टेबल भी गए और उसके साथ मारपीट की. इसी दौरान निशा की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों ने उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की. इसके बाद पुलिसकर्मी वहां से फरार हो गए.