scorecardresearch
 

1200 पेज की चार्जशीट, 71 गवाह और 4 आरोपी... मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की SIT जांच में क्या निकला?

Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआईटी ने चार्जशीट दायर कर दी है. 1200 पन्नों की इस चार्जशीट में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही 72 लोगों को इस मामले में गवाह बनाया गया है.

Advertisement
X
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआईटी ने चार्जशीट दायर कर दी है.
मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआईटी ने चार्जशीट दायर कर दी है.

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस की जांच के लिए गठित एसआईटी ने चार्जशीट दायर कर दी है. 1200 पन्नों की इस चार्जशीट में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसके साथ ही 72 लोगों को इस मामले में गवाह बनाया गया है. इसी साल जनवरी में मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी. 3 जनवरी को उनका शव एक सेफ्टिक टैंक में मिला था. इसके बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था.

Advertisement

बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मयंक गुर्जर ने बताया किआरोप पत्र में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर, रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके का नाम शामिल है. चारों आरोपियों के खिलाफ पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (हत्या), 238 (सबूतों को गायब करना या अपराधी को बचाने के लिए गलत जानकारी देना), 61 (आपराधिक साजिश), 250 (अपराधी को सजा से बचाने के लिए उपहार लेना आदि) के तहत केस दर्ज करके आरोप लगाए गए हैं. 

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान डिजिटल और भौतिक साक्ष्यों की सावधानीपूर्वक जांच की गई है. उन्हें केस डायरी में शामिल किया गया है. हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि चारों आरोपियों को अदालत से सख्त सजा मिले. 33 वर्षीय स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को लापता हो गए थे. उनकी हत्या के मामले में सुरेश चंद्राकर मुख्य आरोपी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके भाइयों रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया था.

Advertisement

एसआईटी के मुताबिक, सुरेश चंद्राकर उसके सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली खबरों से नाराज था. उसने घटना से चार दिन पहले 27 दिसंबर को अपने बैंक खाते से बड़ी रकम निकाली थी. मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को बीजापुर शहर के चट्टनपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के स्वामित्व वाली संपत्ति पर एक सेप्टिक टैंक में मिला था. पुलिस ने बताया कि उसको 5 जनवरी को हैदराबाद से पकड़ा गया था. इसके बाद उसके भाई और सुपरवाइजर गिरफ्तार हुए थे.

Chhattisgarh Journalist Mukesh Chandrakar Murder

इन चारों में रितेश और महेंद्र ने क्राइम सीन के 17 कमरों में से कमरा नंबर 11 में मुकेश चंद्राकर पर लोहे की रॉड से हमला कर उसे घातक चोटें पहुंचाईं. इसके बाद शव को सेप्टिक टैंक में डालकर कंक्रीट से ढक दिया. दिनेश चंद्राकर 1 जनवरी की रात को वारदात के बाद सबूत छिपाने और सुरेश चंद्राकर की पूर्व नियोजित योजना के अनुसार आरोपियों को भागने में मदद करने के लिए आया था. सुरेश ने घटना के समय शहर से बाहर रहने की योजना बनाई थी, ताकि उस पर संदेह न हो. 

रितेश, दिनेश और महेंद्र ने साजिश के तहत मुकेश चंद्राकर के दो मोबाइल फोन बीजापुर से करीब 65 किलोमीटर दूर तुमनार नदी में फेंक दिया था. इतना ही नहीं आरोपियों ने मुकेश के मोबाइल फोन को फेंकने से पहले पत्थरों से तोड़ दिया. पूछताछ के दौरान सुरेश चंद्राकर ने पुलिस को बताया था कि मुकेश उसका रिश्तेदार था. वह अपने चैनल पर उसके खिलाफ खबरें प्रकाशित कर रहा था, जिससे उसके काम के खिलाफ जांच हो रही है. इस वजह से वो परेशान चल रहा था. 

Live TV

Advertisement
Advertisement