Encounter in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया. संबंधित जिले के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल में तलाशी अभियान चलाया जा रहा था. उसी दौरान सुरक्षाबलों से नक्लियों का सामना हो गया.
सुकमा से मिली जानकारी के मुताबिक, सुकमा के भेजी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत नागाराम और पेंटाभेजी गांवों के बीच एक जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के तहत जंगल में तलाशी अभियान जारी थी. तभी जंगल में 15-20 कैडरों के साथ माओवादियों की कोंटा क्षेत्र समिति के सदस्य सोढ़ी गजेंद्र और गैरकानूनी संगठन के अन्य नेताओं की मौजूदगी के बारे में सुरक्षाबलों को इनपुट मिला.
यही वो इनपुट था, जिसके आधार पर सुरक्षाबलों ने नागाराम और पेंटाभेजी गांवों के बीच एक जंगल में ऑपरेशन शुरू किया. उसी दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरु कर दी. जवाब में सुरक्षाबलों की तरफ से भी गोलीबारी की गई. कुछ देर तक दोनों तरफ से फायरिंग होती रही.
फिर गोलीबारी शांत होने के बाद जब सुरक्षाकर्मियों ने घटनास्थल की तलाशी ली तो वहां से एक नक्सली का शव बरामद हुआ. साथ ही उसके पास से एक 12 बोर की राइफल, एक पिस्तौल और माओवाद से संबंधित सामग्री भी बरामद की गई. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृत नक्सली की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है, जबकि आसपास के इलाके में तलाशी जारी है.
पुलिस अफसर ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स - राज्य पुलिस की दोनों इकाइयां और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 219वीं बटालियन के जवान इस ऑपरेशन में शामिल थे.
तीन CRPF कमांडो शहीद
उधर, मंगलवार को सुकमा जिले के टेकलगुडेम गांव के पास नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें उसकी विशेष जंगल युद्ध इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) के दो जवान शामिल थे और 15 अन्य घायल हो गए.
उस हमले में घायल हुए एक कोबरा कमांडो ने बताया था कि मुठभेड़ के दौरान गोलियां लगने से कम से कम 15-20 नक्सली गिर गए थे लेकिन उनके साथी उन्हें उठाकर अपने साथ जंगल के अंदर ले गए थे.