
यूपी में चित्रकूट जेल हत्याकांड (Chitrakoot Jail Murder Case) के बाद से सियासी पारा गर्म है. योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. इस बीच मामले में कई जेल अधिकारियों पर गाज गिरी है. जेलर समेत कई अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया तो वहीं कई अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है. इस शूटआउट के बाद मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिससे कई अहम जानकारियां सामने आई हैं.
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में मारे गए पश्चिमी यूपी के गैंगस्टर मुकीम उर्फ काला को अंशु दीक्षित ने 9MM पिस्टल से 13 गोलियां मारी थीं. इससे उसका शरीर छलनी हो गया था. इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है. अंशु ने मुख्तार के करीबी मेराज को तीन गोली मारने के बाद मुकीम पर अंधाधुंध फायरिंग की थी. सूत्रों के मुताबिक अंशु के पास न सिर्फ पिस्टल पहुंचाई गई, बल्कि इसके साथ उसे डबल मैग्जीन भी मुहैया कराई गई.
पुलिस ने शुक्रवार रात ही मेराज के शव का पोस्टमार्टम करवाया. उसके सिर में एक और सीने में दो गोलियों के निशान मिले हैं. शनिवार को मुकीम और अंशु की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई. वह जेल में करीब डेढ़ घंटे चले खूनी खेल की तस्वीर पेश करने वाली है.
मुकीम का बदन गोलियों से छलनी हो चुका था. उसके शरीर मे 13 फायर आर्म इंजरी और करीब 5 बुलेट धंसे मिले. अंशु के शरीर में करीब 20 फायर आर्म इंजरी मिलीं, वह पुलिस की गोलियों से मारा गया था. यानी कि जेल में ताबड़तोड़ गोलियां चलीं थीं. करीब 50 राउंड गोलियां जेल की अंदर चलने की खबर है.
चित्रकूट प्रशासन का कहना है कि जेल में बंद अंशु दीक्षित ने मुकीम और मेराज अली की गोली मारकर हत्या कर दी. इसके बाद उसने 5 कैदियों को बंधक बना लिया था. इस दौरान जेल प्रशासन ने अंशु से कैदियों को छोड़ने की अपील की, लेकिन वह नहीं माना, जिसके बाद पुलिस से मुठभेड़ में अंशु भी मारा गया. यानी कि चित्रकूट जेल में शुक्रवार को तीन कैदी मारे गए, दो गैंगवार में और एक पुलिस से मुठभेड़ में.
उधर, यूपी के चित्रकूट जेल हत्याकांड मामले में योगी सरकार ने कार्रवाई की है. चित्रकूट जेल के जेलर और जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया गया. साथ ही विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए.
अशोक कुमार सागर को चित्रकूट का नया जेल अधीक्षक बनाया गया है. सीपी त्रिपाठी चित्रकूट जेल के नए जेलर बनाए गए हैं. डीआईजी जेल प्रयागराज संजीव त्रिपाठी को अयोध्या डीआईजी का भी चार्ज दिया गया, जबकि शैलेंद्र कुमार मित्रेय को डीआईजी जेल लखनऊ का चार्ज दिया गया है.