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लुइस अल्फ्रेडो गारावितो क्यूबिलोस (Luis Alfredo Garavito Cubillos) का जन्म 25 जनवरी 1957 को कोलंबिया के जेनोवा में हुआ. उसके पिता का नाम मैनुअल एंटोनियो गारावितो और माता का नाम रोजा डेलिया क्यूबिलोस था. लुइस सात-भाई बहनों में दूसरे नंबर पर था. उसके तीन भाई और तीन बहनें थीं.
उसका बचपन कुछ खास अच्छा नहीं बीता क्योंकि पिता को शराब पीने की लत थी. वह अक्सर लुइस को छोटी-छोटी बातों पर मारते-पीटते. यहां तक कि उसकी मां भी उसे पसंद नहीं करती थी. वह भी उसके साथ गाली-गलौच और मारपीट करती. इससे लुइस मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था.
यहां तक कि स्कूल के बच्चे भी उसे चिढ़ाते और उसका मजाक उड़ाते. लुइस के पिता ने तो उसे स्कूल में किसी से भी दोस्ती तक करने से मना कर दिया था. उसे पढ़ने लिखने का काफी शौक था. वह स्कूल में हमेशा टॉप करता. बावजूद इसके लुइस के पिता ने 1968 में पांचवीं कक्षा के दौरान उसका स्कूल जाना बंद करवा दिया. उससे कहा गया कि छोटे-मोटे काम करके पैसा कमाओ ताकि उससे घर खर्च चल सके.
एंटोनियो ने उसे एक जगह काम करने के लिए लगवा भी दिया. लेकिन यहां भी लुइस को कहां चैन मिलने वाला था. एंटोनियो ने उससे कहा था कि यहां भी वह किसी से दोस्ती न रखे. अगर लुइस किसी से बात कर भी लेता और इस बारे में उसके पिता को पता चल जाता तो उसकी घर में जमकर पिटाई की जाती.
डॉक्टर ने किया लुइस का यौन शोषण
एक बार एंटोनियो ने लुइस को घर के बाहर पेड़ से बांधकर इतना पीटा कि वह वहीं बेहोश हो गया. लेकिन बावजूद इसके लुइस के पिता एंटोनियो ने उसे रात भर उसी पेड़ से बांधा रखा. इतना सब सहने के कारण लुइस के दिमाग पर असर पड़ने लगा था. कुछ समय बाद 1969 में एंटोनियो इलाज के लिए लुइस को एक डॉक्टर के पास लेकर गया. जहां उस डॉक्टर ने लुइस का यौन शोषण किया. फिर इलाज के बहाने अक्सर उसे बुलाता और उसके साथ यौन शोषण करता.
पड़ोसी भी करता था मारपीट
लुइस का पड़ोसी जो कि उसके पिता के दोस्त भी था, वह भी उसके साथ अक्सर मारपीट करता. एक बार तो पड़ोसी ने उसे मोमबत्ती से जला दिया. और एक बार ब्लेड से उसका हाथ तक काट डाला. लुइस के प्राइवेट पार्ट्स पर भी पड़ोसी ने कई बार जानलेवा हमला किया. इन सब घटनाओं का लुइस के दिमाग पर इस कदर असर हुआ कि वह गुस्से में रहने लगा. उसने 16 साल की उम्र में एक दिन गुस्से में दो पक्षियों को ही मार डाला. फिर उनके शरीर को पत्थर से बुरी तरह कुचल दिया.
6 से 16 साल उम्र के बच्चों को बनाने लगा शिकार
पक्षियों को मारकर उसे ऐसा लगा मानो उसका बदला पूरा हो गया हो. फिर यहीं से शुरू हआ लुइस के इंसान से हैवान बनने का सफर. अब वह उन बच्चों को अपना निशाना बनाने लगा जिनकी उम्र 6 से 16 साल होती. लुइस ने कई बच्चों का यौन शोषण किया. वह अपने से छोटी उम्र के बच्चों को शिकार इसलिए बनाता था क्योंकि वे लोग ताकत के मामले में उससे कहीं न कहीं कमजोर होते थे. वह आसानी से उनके साथ कुछ भी कर सकता था.
उसका क्राइम करने का तरीका थोड़ा अलग था. वह बच्चों को पहले मारता-पीटता. फिर उन्हें टॉर्चर देकर रेप करता. इसके बाद उनके प्राइवेट पार्ट को काटकर उन्ही के मुंह पर रख देता. फिर अंत में उनका अंगूठा काटकर अपने साथ ले जाता. लेकिन इसी पैटर्न के कारण वह अंत में पकड़ा भी गया.
बच्चों को मिलीं 36 लाशें
उस समय कोलंबिया में सिविल वॉर चल रहा था. जिसके कारण देश में काफी लोग मारे जा रहे थे. ऐसे में किसी के भी मर्डर या लापता होने की FIR पुलिस दर्ज ही नहीं कर रही थी. लेकिन 1992 आते-आते लापता होने वाले बच्चों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई.
पुलिस की आंखें तब खुलीं जब कुछ बच्चों को फुटबॉल खेलते-खेलते एक साथ 36 लाशें मिलीं. लाशों को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे उन लोगों को मारने से पहले बुरी तरह टॉर्चर किया गया है.
इसके बाद और भी कई इलाकों से इसी तरह लाशें मिलने की खबरें आने लगीं. पुलिस को समझ आ गया था कि ये लोग सिविल वॉर में नहीं मारे गए. बल्कि ये करतूत किसी हैवान की है. दरअसल, लुइस सिर्फ एक जगह ही यह सब नहीं करता. बल्कि, वह नए-नए इलाकों में जाकर अपने शिकार ढूंढता था.
विक्टिम्स को मारने का तरीका एक सा था
लेकिन उसके पैटर्न ने ही उसे फंसा दिया. दरअसल, पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पाया कि सभी विक्टिम्स को मारने का तरीका एक ही है. उनके कटे हुए प्राइवेट पार्ट और शरीर पर कपड़ों का न मिलना. साथ ही घटनास्थल पर ब्रांडी की बोतल का मिलना. इस सभी चीजों से पुलिस को यह समझते देर न लगी कि ये सब एक ही शख्स का किया धरा है. फिर पूरे देश की पुलिस ने इस हैवान की तलाश शुरू कर दी.
Daily Star के मुताबिक, 6 फरवरी 1999 के दिन पुलिस को गन्ने के खेत में दो बच्चों के शव पड़े मिले. थोड़ी जांच करने के बाद पुलिस को कुछ ही दूरी पर एक और बच्चे की लाश भी मिली.
पुलिस के हाथ लगे कुछ सुराग
उस दिन छानबीन करते समय पुलिस को कुछ सुराग मिले. उन्हें वहां कुछ जले हुए कपड़े, एक पर्स, चश्मा, लाइटर और सिगरेट के बड मिले. इससे पुलिस का काम थोड़ा आसान हो गया. पर्स में पुलिस को लुइस की एक्स गर्लफ्रेंड ग्रासीला जाबालेटा (Graciela Zabaleta) की फोटो मिली.
पुलिस ने उसके घर का पता लगाया. जब पुलिस ग्रासीला के घर पहुंची तो उन्हें कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं. ग्रासीला ने सामान देखकर बताया कि वो सब लुइस गारावितो का सामान है.
लुइस के बैग में मिलीं बच्चों की तस्वीरें
उसने पुलिस को लुइस का एक बैग दिया और कहा कि वह उससे कई महीनों से मिली ही नहीं है. पुलिस ने जब बैग खोला तो उसमें उन्हें कई छोटे बच्चों की तस्वीरें मिलीं. इसके अलावा उन्हें एक डायरी भी मिली जिसमें गारावितो ने अपनी करतूतों का जिक्र किया था.
उस डायरी में एक एड्रेस भी मिला. जब पुलिस उस एड्रेस पर पहुंची तो उन्हें निराशा हाथ लगी. पुलिस ने हार नहीं मानी और सर्च ऑपरेशन और तेज कर दिया.
ऐसे हुआ लुइस गिरफ्तार
वहीं, दूसरी तरफ 22 अप्रैल 1999 के दिन विलविसेंसियो (Villavicencio) शहर में लुइस की नजर एक 12 साल के लड़के पर पड़ी. वह उसे चाकू के दम पर सुनसान जगह ले गया. वहां वह उसके साथ गंदी हरकत करने ही वाला था कि एक 16 साल के लड़के ने उसे ऐसा करते देख लिया.
उसने लुइस पर पत्थरों से हमला किया और 12 साल के लड़के को अपने साथ लेकर भाग निकला. लुइस भी उनके पीछे-पीछे गया. लेकिन आगे घना जंगल होने के कारण वह वहां भटक गया. इसी बीच पुलिस को भी सूचना दे दी गई और उन्होंने जंगल से लुइस को गिरफ्तार कर लिया.
1,853 साल जेल की सजा
Guardian की रिपोर्ट के मुताबिक, लुइस ने पुलिस के सामने स्वीकारा कि उसने 140 बच्चों का रेप करके उन्हें जान से मार डाला. पुलिस ने लुइस पर 172 बच्चों को मारने का चार्ज लगाया. जिनमें से कोर्ट ने 138 मामलों में उसे दोषी करार दिया और 1,853 साल और 9 दिन जेल की सजा सुनाई गई. दरअसल, उस समय कोलंबिया में फांसी की सजा का प्रावधान नहीं था.
इतना ही नहीं, कोलंबिया में एक नियम था कि उस समय किसी भी कैदी को 40 साल से ज्यादा जेल में बंद नहीं रखा जा सकता था. इसलिए लुइस को कुल 40 साल की सजा हुई. इसके बाद लुइस ने बच्चों की लाशें ढूंढने में भी मदद की. जिसके चलते उसकी सजा को और कम करके 22 साल कर दिया गया.