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धनबाद: 400 रुपये में कोरोना पॉजिटिव को निगेटिव बना रही थी लैब, FIR

धनबाद में कोरोना संक्रमण की निगेटिव रिपोर्ट देने का रैकेट चला रहा था. इसके बदले में लैबकर्मी संबंधित लोगों को निगेटिव रिपोर्ट देने के लिए 400 रुपये ले रहे थे. इस मामले में आपदा प्रबंध प्राधिकार के अध्यक्ष सह डीसी उमा शंकर सिंह ने पैथकाइंड लैब काे शाे-काॅज कर 24 घंटे के अंदर लिखित स्पष्टीकरण का जवाब देने का आदेश दिया है.

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Representational image. (Photo: Reuters)
Representational image. (Photo: Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट देने का खुलासा
  • पैथकाइंड लैब को शो-कॉज नोटिस जारी
  • लैबकर्मी पर एफआईआर दर्ज

झारखंड के धनबाद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को निगेटिव रिपोर्ट देने का बड़ा खेल चल रहा था. बताया जा रहा है कि इस काम को अंजाम दे रही थी जिले में संचालित जांच एजेंसी पैथकाइंड लैब और उसकी शाखाएं. आरोप है कि पैथकाइंड लैब में गलत तरीके से कोरोना संक्रमित मरीजों की इंट्री हो रही थी. इसके बाद पॉजिटिव रिपोर्ट निगेटिव कर जारी कर दी जा रही थी.

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प्रशासनिक जांच में खुलासा हुआ है कि इस खेल में पैथकाइंड लैब में काम करने वाला विकास नाम का कर्मचारी शामिल था. जो 400 रुपये में कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट को निगेटिव बना कर दे रहा था. 

कोरोना पॉजिटिव-निगेटिव रिपोर्ट का बड़ा खेल 

इस बाबत शिकायत मिलने पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष सह डीसी उमा शंकर सिंह ने अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. जांच टीम ने पूरे मामले की जांच के बाद रिपोर्ट डीसी को सौंपी, जिसमें बताया गया कि पैथकाइंड का कर्मी विकास और वीएलई गौतम कुमार पूरे रैकेट का संचालन कर रहा था. डीसी ने उन दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है. 

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इस खुलासे के बाद डीसी उमाशंकर सिंह ने पैथकाइंड के सीनियर सेल्स एग्जीक्यूटिव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है. पैथकाइंड की सभी शाखाओं की एनओसी को रद्द करने के अलावा सिक्योरिटी मनी भी जब्त करने का निर्देश दिया गया है. 

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ऐसे की जाती है एंट्री 

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रविष्टि (एंट्री) के तरीके के बारे में बताया कि प्रत्येक सैंपल संग्रह के उपरांत आरटी-पीसीआर एप के माध्यम से प्रविष्टि की जाती है. उक्त प्रविष्टि में मरीजों की विस्तृत विवरणी अंकित की जाती है. एसआरएफ जेनरेट होने के बाद सीएमएस पोर्टल में परिणाम को अपडेट किया जाता है. सीएमएस पोर्टल में परिणाम को अपडेट करने के बाद रिजल्ट पोर्टल के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है.  

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