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MP: गैंगरेप का झूठा केस दर्ज करवाने वाली महिला को कोर्ट ने सुनाई 10 साल जेल की सजा

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फरियादी महिला और उसके साथियों को झूठा गैंगरेप केस दर्ज करवाने के आरोप में 10 साल जेल की सज़ा सुनाई. इसके अलावा महिला और उसके 2 साथियों पर 2-2 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

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कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा (सांकेतिक फोटो)
कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डीएनए टेस्ट से सामने आई झूठी कहानी
  • महिला ने दर्ज करवाया था गैंगरेप का केस

मध्य प्रदेश के अशोकनगर की अदालत ने गैंगरेप का झूठा आरोप लगाने वाली महिला को दस साल की सजा सुनाई है. महिला ने 7 साल पहले चार लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया था. पुलिस ने मामले की जांच की और आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराया. इस डीएनए टेस्ट ने सारा रोज खोल दिया. 

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दरअसल, अगस्त 2014 में महिला ने उसके साथ 4 लोगों द्वारा गैंगरेप की एफआईआर दर्ज करवाई गई थी. महिला के बयान के आधार पर आरोपियों को पकड़ा गया और पूछताछ शुरू की गई. इस दौरान आरोपी ने पुलिस से उसके डीएनए जांच की मांग की जिसे मंजूर करते हुए उसका डीएनए टेस्ट करवाया गया.

हैरानी की बात है कि आरोपी का डीएनए फरियादी महिला से नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने एक दूसरे संदेही और फरियादी महिला का डीएनए मिलान किया तो वो सही पाया गया. इसके आधार पर पुलिस ने फरियादी महिला, उसकी सहेली और एक पुरुष के खिलाफ केस दर्ज किया और उन्हें कोर्ट में पेश किया. 

कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फरियादी महिला और उसके साथियों को झूठा गैंगरेप केस दर्ज करवाने के आरोप में 10 साल जेल की सज़ा सुनाई. इसके अलावा महिला और उसके 2 साथियों पर 2-2 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

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(अशोक नगर से इनपुट- राहुल)

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