कई नाटकीय मोड़ का गवाह बना दाभोलकर हत्याकांड में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए हैं. बुधवार को इस मामले की पुणे की विशेष अदालत में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप भी तय कर दिए.
दाभोलकर हत्याकांड में कोर्ट का आदेश
जिन पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं उनके नाम डॉ विरेंद्र सिंह तावडे, सचिन अंदुरे, शरद कलसकर, ऍड. संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे हैं. इसमें भी सचिन अंदुरे, वीरेंद्र सिंह तावड़े, शरद कलस्कर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में जुड़े थे तो वहीं दूसरी तरफ संजीव पुनालेकर और विक्रम भावे कोर्ट में ही मौजूद थे.
सुनवाई के दौरान पांचों आरोपियों ने खुद को लगातार निर्दोष बताया था. वहीं कुछ आरोपी ऐसी भी रहे जो केस को और आगे लटकाने का प्रयास कर रहे थे. उनकी तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि उन्हें अपने वकील और रिश्तेदारों से संपर्क करना है. लेकिन कोर्ट ने किसी की नहीं सुनी और इस लंबित मामले में आरोप तय कर डाले.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि 20 अगस्त 2013 को महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष रहे नरेंद्र दाभोलकर की हत्या कर दी गई थी. बाद में इस संवेदनशील मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. अब कहा जा रहा है कि क्योंकि कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों पर आरोप तय कर दिए गए हैं, ऐसे में जल्द ही ट्रायल भी शुरू हो जाएगा. अभी के लिए कोर्ट ने तावड़े, अंदुरे, कालस्कर और भावे पर आईपीसी की धारा 302, 120बी और कुछ दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय कर दिए हैं और अगली सुनवाई 30 सितंबर को रखी गई है.
कोर्ट के इस आदेश पर दाभोलकर के बेटे ने भी अपनी खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि आठ वर्षों में इस मामले में अदालती कारवाई की सबसे महत्वपूर्ण घटना हुई है.