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दिल्ली: 30,000 रुपये रिश्वत लेने वाले DDA के सहायक निदेशक को CBI ने किया गिरफ्तार

शिकायत में कहा गया कि DDA के सहायक निदेशक ने शिकायतकर्ता से पहले 50000 रुपये की मांग की और आखिरकार 30000 रुपये में सरकारी काम करने को तैयार हुआ. लेकिन सीबीआई को पहले से खबर लगने पर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले मांगी थी 50 हजार रुपये की रिश्वत
  • सीबीआई ने रंगे हाथ पकड़ा

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के एक सहायक निदेशक को एक शख्स से 30,000 रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. दरअसल, डीडीए के सहायक निदेशक के खिलाफ शिकायतकर्ता से अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति के हस्तांतरण विलेख (Dead) जारी करने से संबंधित फाइल क्लियर करने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने को लेकर केस दर्ज हुआ था. यह भी आरोप लगाया गया कि बातचीत के बाद आरोपी 30,000 रुपये की रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया था.

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ऐसे में समय रहते सीबीआई ने जाल बिछाकर आरोपी को शिकायतकर्ता से 30,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. इसके बाद आरोपी के तीन ठिकानों पर तलाशी ली गई. गिरफ्तार आरोपी को दिल्ली की कंपीटेंट कोर्ट में पेश किया जाएगा.

बता दें कि हाल ही में दिल्ली में ही रिश्वत मामले में एक और गिरफ्तारी हुई थी. दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की निगम पार्षद गीता रावत (Geeta Rawat) को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने रंगे हाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. दिल्ली में सरकारी काम करने के लिए रिश्वत की डिमांड की गई थी.

आरोपी महिला प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र स्थित विनोद नगर वॉर्ड से पार्षद है. पूर्वी दिल्ली के वार्ड नंबर 217/10E वेस्ट विनोद नगर की पार्षद गीता रावत के खिलाफ बीते शुक्रवार दोपहर सीबीआई ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. पता लगा कि मूंगफली व्यापारी के जरिए गीता रावत के पास रिश्वत की कमाई जाती थी.

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