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8 हजार रुपये में फर्जी मार्कशीट ! सरकारी नौकरी पाने के लिए करने लगे 'खेल'

उत्तराखंड के देहरादून में पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के तार बिहार और अरुणाचल से भी जुड़े हैं. कई लोग फर्जी मार्कशीट लगाकर सरकारी विभागों में नौकरी भी कर रहे हैं, पुलिस इसकी जांच कर रही है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

उत्तराखंड के देहरादून में पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह को पकड़ा है. बताया जा रहा है कि यह गिरोह बिहार, अरुणाचल और उत्तराखंड के लोगों को फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचता था. इसकी सूचना पर राजधानी पुलिस ने देर रात देहरादून में आरोपियों के ठिकाने पर छापेमारी कर अरेस्ट कर लिया.

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गैंग के छात्र सरकारी विभागों में दे रहे हैं सेवाएं

पुलिस का कहना है कि गिरोह 10वीं और 12वीं की मार्कशीट और सर्टीफिकेट मुहैया करवाता था. आरोपियों का उत्तर प्रदेश में एक कॉलेज भी है. पुलिस को आशंका है कि गैंग द्वारा तैयार किए गए छात्रों में कई छात्र सरकारी विभागों में भी सेवाएं दे रहे हैं, इसकी जांच शुरू कर दी गई है.

6 साल से फर्जी मार्कशीट करवा रहा था मुहैया

राजधानी के घंटाघर स्थित MDDA काम्प्लेक्स में बीते 6 साल से एक नेशनल काउंसिल फॉर रिसर्च इन एजुकेशन नाम से एक फर्जी ट्रस्ट चल रहा था. ट्रस्ट से जुड़े तीन लोग हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के फर्जी सर्टीफिकेट और मार्कशीट तैयार करते थे. इस गोरखधंधे की सूचना मिलते ही राजधानी पुलिस हरकत में आ गई और छापेमारी की.

पुलिस ने मौके से आरोपी राजकिशोर राय को पकड़ा है. यह आरोपी यूपी के गाजीपुर का रहने वाला है. वहीं मामले से जुड़े दो आरोपी सहेन्द्र पाल और इंदु पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. गिरोह 8 से 12 हजार रुपए में फर्जी मार्कशीट मुहैया करवाता था.

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300 से अधिक फर्जी दस्तावेज तैयार कर चुका गैंग

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपियों के द्वारा 300 से अधिक फर्जी दस्तावेज आरोपियों द्वारा तैयार किए जा चुके हैं. इन दस्तावेजों के सहारे करीब 2 दर्जन से ज्यादा लोग सरकारी विभागों में भी काम कर रहे हैं. पुलिस का कहना है कि इस गैंग का मुख्य सरगना सहेन्द्र पाल है, जिसका खतौली में दक्ष नाम से कॉलेज है. वह ग्रेजुएशन की तैयारी दक्ष कॉलेज से करवाता था, वह फिलहाल फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.

पुलिस ने किए कई दस्तावेज किए बरामद

पुलिस ने आरोपियों के पास से कई जरूरी दस्तावेज बरामद किए हैं. पकड़े गए आरोपी राज किशोर से पुलिस को फर्जी प्रमाण पत्र, फर्जी माइग्रेशन, प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, चेक बुक, पैन कार्ड, प्रिंटिंग शीट सहित कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस मिली हैं. आरोपियों के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है.

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