दिल्ली के आउटर नॉर्थ की पुलिस ने एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. ये गैंग लोन दिलाने के बहाने लोगों को ब्लैकमेल किया करती थी. पहले एक ऐप के जरिए लोगों को लोन देने का झांसा दिया जाता था. उसके बाद उनके सारे डॉक्यूमेंट हासिल करने के बाद ब्लैकमेल किया जाता था और उनसे मोटी रकम वसूलने का काम होता था. इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश आउटर नॉर्थ के साइबर पुलिस स्टेशन ने किया है.
डीसीपी आउटर नॉर्थ विजेंद्र यादव ने बताया है कि ये सिंडिकेट पूरे दिल्ली में नहीं बल्कि देश में सक्रिय था. अब तक तीन करोड़ कमीशन के रूप में लोगों से ठगे जा चुके हैं. इस गैंग में 133 महिलाएं शामिल हैं और 15 पुरुष भी काम करते हैं. इनके पास से भारी मात्रा में मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किए गए हैं. पुलिस ने इनको द्वारका से गिरफ्तार किया है. इसमें दो चाइनीज लोग भी शामिल हैं.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि फेसबुक पर एक विज्ञापन के माध्यम से 50,000 रुपये के ऋण के बारे में लालच दिया जा रहा था. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने "ऑन स्ट्रीम" के नाम से एक ऋण ऐप डाउनलोड किया. इस ऐप को डाउनलोड करते समय शिकायतकर्ता के गैलरी और संपर्क की सारी परमीशन ले ली गई. तमाम औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद सिर्फ 6870 रुपये का ऋण दिया गया. वहीं क्योंकि शिकायतकर्ता ने अपने गैलरी और संपर्क की परमीशन दे दी थी, ऐसे में गैंग की तरफ से उन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया गया, समय-समय पर शिकायतकर्ता को ब्लैकमेल किया गया. अब तक पीड़ित ने उन्हें 1 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था.
यह सिंडिकेट सेक्टर-7 द्वारका से आपराधिक साजिश के तहत बेहद गुपचुप तरीके से काम कर रहा था. टेली कॉल करने वाले चीनी आरोपी पीड़ितों को जबरन वसूली के लिए धमकाते थे और पीड़ितों और उनके रिश्तेदारों की तस्वीरें, यहां तक कि आधार कार्ड और पैन कार्ड से फोटोग्राफ के साथ अपमानजनक टिप्पणियों के साथ चैट भेजते थे. कोई रास्ता नहीं मिलने पर पीड़ितों को ऋण के रूप में लिए गए धन का कई गुना भुगतान करना पड़ता था.