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सुनंदा पुष्कर डेथ केस: आरोप तय करने पर फैसला नहीं, 18 अगस्त तक टली सुनवाई

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप तय करने पर सुनवाई चली. कोर्ट अब 18 अगस्त को इस केस पर फैसला सुनाएगा. अगर अदालत आरोप तय करने के लिए तैयार होती है, तो शशि थरूर को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

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शशि थरूर की पत्नी सुनंदा जनवरी 2014 में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं.
शशि थरूर की पत्नी सुनंदा जनवरी 2014 में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2014 में होटल के कमरे में मृत मिली थीं सुनंदा
  • संदिग्ध परिस्थितयों में हुई थी सुनंदा की मौत
  • शरीर में ड्रग्स की बात आई थी सामने

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई चली. अदालत आरोप तय करने के आदेश पर फैसला 18 अगस्त को लेगी. अब कोर्ट में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में दिग्गज कांग्रेस नेता और केरल से सांसद शशि थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 478 ए (वैवाहिक क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत आरोप लगाए थे. 

कोर्ट ने सुनवाई से पहले शशि थरूर के वकील विकास पहवा से सवाल किया कि क्या वे कुछ और इस केस पर कहना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस केस में पहले ही बहस कर ली है. वहीं पब्लिक प्रॉसीक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे कई पहले सुने गए मामले हैं, जिनमें प्रथम दृष्टया साक्ष्यों को आधार माना गया है. हम हर दिन सीखते हैं. मानसिक यंत्रणा पर कई जजमेंट्स हैं. दलील सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले पर 18 अगस्त को फैसला देंगे.

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एडिशनल सेशन जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट इस केस की सुनवाई कर रही है. अगर कोर्ट आरोप तय करती है तो शशि थरूर को मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है. सुनंदा पुष्कर जनवरी 2014 में एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं. मेडिकल रिपोर्ट में उनके शरीर में ड्रग्स की मौजूदगी की बात सामने आई थी. जबकि प्रारंभिक जांच में हत्या के एंगल पर भी छानबीन हो रही थी लेकिन पुलिस ने आखिरकार आत्महत्या के लिए चार्जशीट दायर की. इससे पहले, दोनों पक्षों में हुई बहस के बाद आरोप तय करने के आदेश को टाल दिया गया था.

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मानसिक प्रताड़ना की सामने आई थी बात!

अपने तर्क में, पब्लिक प्रोसिक्यूटर अतुल श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा था कि सुनंदा पुष्कर को मानसिक क्रूरता का सामना करना पड़ा था, जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था. उन्होंने पोस्टमार्टम  रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि यह एक स्वाभाविक मौत नहीं है. मौत की वजह जहर है, जिसे मौखिक या इंजेक्शन के जरिए भी दिया जा सकता था.

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बचाव पक्ष ने सभी आरोपों से किया था इनकार

शशि थरूर के लिए, वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पहवा ने तर्क दिया था कि अभियोजन पक्ष कांग्रेस नेता के खिलाफ सबूत स्थापित करने में सक्षम नहीं है, और उन्हें आरोप मुक्त किया जाना चाहिए. शशि थरूर के वकील ने यह भी तर्क दिया था कि यह दावा कि सुनंदा पुष्कर ने अपने पति द्वारा क्रूरता की वजह से जहर का इंजेक्शन लगाया था, यह महज हवा-हवाई बात है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
 

 

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