दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एनकाउंटर के बाद नंदू गैंग के एक शातिर बदमाश पवन उर्फ मोनू को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मोनू के पास से एक मोटर बाइक और दो पिस्टल बरामद किए हैं. पुलिस के मुताबिक नंदू गैंग पिछले कुछ वक्त से दक्षिणी दिल्ली के कई व्यापारियों को जबरन उगाही के लिए फोन कर रहे थे, और जान से मारने की धमकी देकर उनसे रुपयों की मांग कर रहे थे.
मोनू ने भी कुछ दिन पहले एक व्यापारी को धमकी देकर एक करोड़ रुपयों की मांग की थी. पुलिस लगातार नंदू गैंग के बदमाशों की तलाश में जुटी थी और इसी के बाद उन्होंने एनकाउंटर कर मोनू को गिरफ्तार किया. मौके से एक दूसरे बदमाश को भी पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया.
नंदू गैंग के बदमाश गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को पता चला था कि नंदू गैंग के बदमाश पिछले कुछ दिनों से लगातार व्यापारियों को फोन कर रहे थे. उनकी तरफ से 6 जुलाई को भी साउथ दिल्ली के बड़े व्यापारी को फोन किया गया था. फोन कर बदमाश ने अपनी पहचान छिपाने की कोशिश की थी और खुद को विकास लगरपुरिया गैंग का सदस्य बताया था.
इसके बाद इंस्पेक्टर सुनील कुमार को जानकारी मिली कि इस गैंग से जुड़े कुछ बदमाश छतरपुर इलाके में व्यापारियों के घरों की रेकी कर रहे हैं और उनके मूवमेंट की जानकारी जुटाने पहुंच सकते हैं. ये जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस की टीम ने उस इलाके में ट्रैप लगा दिया. पुलिस के पास इस बात की पहले से ही जानकारी थी कि जो बदमाश वहां आएंगे और उनके पास हथियार भी हो सकते हैं, ऐसे में सारी तैयारी पहले से कर ली गई थी.
पुलिस पर चलाई थी गोली
पुलिस का कहना है कि जब उन्हें बाइक पर दोनों बदमाश नजर आए तो उनकी तरफ से उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा गया. लेकिन बदमाशों ने सरेंडर करने के बजाय पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पवन के पैर में गोली लगी और वो वहीं गिर पड़ा. पुलिस ने पवन को हॉस्पिटल पहुंचाया जबकि उसके साथी मनजीत को मौके से गिरफ्तार कर लिया. दोनों के पास से दो पिस्तौल पुलिस ने बरामद की हैं.
जांच के बाद पुलिस ने बताया है कि दोनों बदमाश नंदू गैंग के हैं लेकिन उनकी तरफ से जब भी किसी को फोन किया जाता था तो वो खुद को विकास लगरपुरिया गैंग का बताते थे. ऐसा कर वे खुद को तो बचाने की कोशिश करते थे, इसके अलावा अपने विरोधी विकास को भी फंसाने का काम करते थे.
मनजीत ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो नंदू और उसके गैंग के दूसरे बदमाशों को सोशल मीडिया पर फॉलो करता था. उसे उन बदमाशों की जिंदगी देख मजा आता था और वो भी वहीं काम करना चाहता था. इसी वजह से उसने नंदू गैंग के साथ जुड़ने का फैसला लिया था.
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