दिल्ली के गाजीपुर फूल मंडी के गेट नंबर एक के बाहर जो IED बम मिला था, उसे निष्क्रिय कर दिया गया है. लेकिन बताया जा रहा है कि एक बड़े धमाके की साजिश रची गई थी. बकायदा पूरे इलाके की रेकी हुई थी और हर इनपुट इकट्ठा करने के बाद इस हमले को अंजाम देने की तैयारी थी.
धमाके की पहले से तैयारी, की गई रेकी
शुरुआती जांच के बाद बताया गया है कि जिस जगह बम प्लांट किया गया, वहां एक सीसीटीवी कैमरा मुख्य द्वार पर लगा है लेकिन कैमरे का फोकस स्पोर्ट की तरफ नहीं था, मतलब साफ है कि बम प्लांट करने वाला शख्स जगह से पहले वाकिफ था और वह ऐसी जगह प्लांट किया गया ताकि उसका चेहरा कैमरे में कैद ना हो सके.
शुरुआती तफ्तीश में जांच एजेंसियों को शक है कि धमाके के लिए अमोनियम नाइट्रेट या फिर आरडीएक्स, दोनों में से एक का इस्तेमाल किया गया है जिसकी मात्रा डेढ़ से 2 किलो हो सकती है. रिपोर्ट एनएसजी आज रात तक फौरी तौर पर दिल्ली पुलिस को मुहैया करवा देगी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, विस्फोटक में आईईडी के अलावा टाइमर भी सेट किया गया था.
सीसीटीवी फुटेज बनेगा बड़ा सबूत
लेकिन अभी के लिए पुलिस और जांच एजेंसी के लिए सीसीटीवी फुटेज काफी मायने रखती है. गाजीपुर फूलमंडी में गेट नंबर एक से प्रवेश करने के बाद अंदर एक बड़ा कैमरा लगा है जिसमें उम्मीद है कि बम प्लांट करने वाले शख्स की तस्वीर कैद हुई हो. इसी वजह से तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है. बताया जा रहा है कि FSL की रिपोर्ट आने में करीब 15 दिन का वक्त लग सकता है.
इस घटना की बात करें तो दिल्ली पुलिस को शुक्रवार सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर एक पीसीआर कॉल मिली थी. बताया गया था कि गाजीपुर इलाके में एक संदिग्ध बैग है जिसमें बम है. सूचना के बाद इलाके की पुलिस और स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंची थी. इसके बाद NSG की टीम और बम डिस्पोजल की टीम भी पहुंची. जांच पड़ताल में बैग में आईईडी होने की जानकारी मिली जिसके बाद जेसीबी के जरिए एक बड़ा गड्ढा खोदा गया और फिर बम को निष्क्रिय कर दिया गया.
सांसद गौतम गंभीर की तरफ से पुलिस की मुस्तैदी की जमकर तारीफ की गई है. उनकी माने तो पुलिस और एनसएजी ने जो फुर्ती दिखाई, उस वजह से बड़ी दुर्घटना होने से बच गई.