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दिल्ली में किसान आंदोलन के मद्देनजर राज्य की सीमाओं पर तार, कील और बैरिकेडिंग लगा दी गई है. पहले गाजीपुर बॉर्डर को किले में तब्दील किया गया और अब टीकरी बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था में इजाफा किया गया है. वहां भी किले की तरह सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. वहां सीमेंट, बालू और कांटों की तार से एक नई बैरिकेडिंग तैयार कर दी गई है.
टीकरी बॉर्डर को अब दिल्ली पुलिस जाल से घेरने की तैयारी कर रही है. वो जाल किसानों और सुरक्षा बलों के बीच में रहेगा. ताकि वहां तैनात जवान स्टोन पेल्टिंग से बच सकें. किसान जहां धरने पर बैठे हैं, ठीक उसके बाद दिल्ली पुलिस की लोहे की बैरिकेडिंग लगाई गई है.
इसके बाद सीमेंट के बड़े-बड़े पत्थरों से पूरे रास्ते को सील कर दिया गया है. वहां बीएसएफ के जवान तो तैनात है हीं, साथ ही अर्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाएगी. इसके बाद फिर से बैरिकेडिंग की जा रही है. वहां सड़क पर कीलें बिछा दी गई हैं. पूरे रास्ते मे लोहे के बड़े कील गाड़ दिए गए हैं.
अब वहां एक मजबूत सीमेंटेड बेरिकेटिंग की गई है, जिसमें बालू और गिट्टी मिलाकर भरा जा रहा है. इन सीमेंटेड बेरिकेटिंग के ऊपर कटीली तार लगाई गई है. इस 7 चरणों की अभेद्य बेरिकेटिंग से गुजर पाना किसी के लिए आसान नहीं है.
लेकिन इसके बावजूद आगे भी बेरिकेडिंग की जा रही है. जहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ एसएसबी, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए जा रहे हैं. जिसमें महिला दस्ता भी शामिल है.