16-17 मार्च की रात दिल्ली के कल्याणपुरी थाना पुलिस को पीसीआर पर गोली चलने की जानकारी मिली. पुलिस को जानकारी मिली कि एक शख्स को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जिसे गोली लगी है, उसका नाम मोहम्मद अब्बास है. पुलिस ने घायल अब्बास का स्टेटमेंट लेने की कोशिश की तो अब्बास ने बयान देने में आनाकानी की. हालांकि मेडिकल के आधार पर और गोली चलने की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कर दी.
जांच के दौरान एक बार फिर अब्बास से पूछताछ शुरू हुई तो उसने बताया कि 16-17 मार्च की रात तकरीबन 11:30 बजे 2 अज्ञात हमलावरों ने उस पर फायरिंग की थी. यहां तक कि पुलिस को अब्बास ने बताया कि हसन मोहम्मद नाम का एक शख्स हमले के पीछे हो सकता है. जांच में ये भी सामने आया कि अब्बास दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में MTS की नौकरी करता है. अब्बास ने कई लोगों से सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपये लिए हैं. जांच में सामने आया कि शाह आलम नाम के शख्स से भी अब्बास ने सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर 6 लाख रुपये लिए थे.
पुलिस ने अब्बास के एक दोस्त अरशद से पूछताछ शुरू की. अरशद ने पुलिस के सामने चौकाने वाला खुलासा किया. अरशद ने पुलिस को बताया कि कुछ दिन पहले अब्बास ने उस से कहा था कि वो उसे गोली मार दे ताकि उसे लोगों से सहानुभूति मिले और फिर लोग उस से अपने पैसे वापस न मांगे. अरशद ने ऐसा करने से मना कर दिया था.
अब्बास के एक दोस्त अरशद से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों को एक्टिव कर दिया. जिसके बाद पुलिस का शक अब्बास के एक और दोस्त जुबेर पर गया. जुबेर से जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने खुलासा किया कि अब्बास ने उससे कांटेक्ट किया था और 50 हजार रुपये देने का लालच दिया था. प्लान के मुताबिक जुबेर और उसके साथी राशिद ने अब्बास के दाहिने हाथ में गोली मारी और उसके बाद वो मेरठ फरार हो गए.
गिरफ्तार जुबेर और राशिद ने खुलासा किया कि हथियार खरीदने के लिए घायल अब्बास ने ही 45 हजार रुपये दिए थे. पुलिस ने हमले में इस्तेमाल इटली मेड पिस्टल, कारतूस और वारदात में इस्तेमाल की गई स्कूटी बरामद कर ली है.