जम्मू कश्मीर विधान परिषद के पूर्व सदस्य और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता त्रिलोचन सिंह वजीर की हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इस मामले की जांच अब स्पेशल स्टाफ, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी है.
राजधानी दिल्ली के मोतीनगर इलाके में स्थित एक फ्लैट में गुरुवार की सुबह 63 वर्षीय त्रिलोचन सिंह वजीर की डिकॉम्पोज लाश बरामद हुई थी. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने जल्द से जल्द आरोपियों को पकड़ने के आदेश दिए हैं. इस केस में वेस्ट डिस्ट्रिक्ट स्पेशल स्टाफ, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. पुलिस ने नई दिल्ली इलाके में इस मामले की संदिग्ध हरप्रीत सिंह खालसा की तलाश में कई जगह छापेमारी की है.
पुलिस हरप्रीत सिंह खालसा के जानकारों से भी पूछताछ कर रही है. दरअसल, पुलिस ने मौका-ए-वारदात यानी मोती नगर इलाके के बसई दारापुर से करीब 10 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज बरामद की है. जिसमे दो संदिग्ध जाते हुए नजर आ रहे हैं.
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पुलिस ने इस मामले में धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज कर लिया है. बाकी एंगल से भी जांच जारी रहेगी. हरप्रीत सिंह खालसा नाम के जिस शख्स ने दिल्ली के बसई दारापुर इलाके में यह फ्लैट किराए पर लिया हुआ था, वह फरार है और घर का दरवाजा भी अंदर से बंद नहीं था. फ्लैट के अंदर से बदबू आने पर पुलिस को शिकायत की गई थी. तब पुलिस एक मकान की तीसरी मंजिल पर पहुंची, वहां उन्हें एक फ्लैट के बाहर ताला लगा मिला.
पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो अंदर सड़ी गली हालत में लाश बरामद हुई. लाश के पास मिले मोबाइल फोन की जांच में पता चला कि यह मोबाइल फोन नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू के नेता त्रिलोचन सिंह वजीर का है. तब जाकर लाश की शिनाख्त हो पाई.
जानकारी के मुताबिक 1 सितंबर को त्रिलोचन सिंह जम्मू से दिल्ली आए थे और 3 सितम्बर को उन्हें कनाडा जाना था. लेकिन त्रिलोचन सिंह ने फ्लाइट नहीं पकड़ी और तभी से वह गायब थे और परिवार वाले उनकी तलाश में जुटे थे. त्रिलोचन सिंह की बॉडी पर कुछ घाव हैं, जिसकी जांच एफएसएल टीम कर रही है.