दिल्ली की पार्लियामेंट थाना पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 4 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक ये लोग ऑनलाइन जॉब साइट से डाटा निकाल लेते फिर ये लोग एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये लोगो को कॉल करते हैं. जिस सॉफ्टवेयर का ये लोग इस्तेमाल करते थे उसका इस्तेमाल आमतौर पर कुख्यात साइबर अपराधी करते हैं.
इस सॉफ्टवेयर के जरिये सामने वाले के पास अलग नंबर दिखता है. पुलिस ने जिन चार आरोपियों को पकड़ा है उनके नाम राहुल श्रीवास्तव, अर्जुन गिल, जावेद और मनीष हैं.
3 महीने में 3 लाख ठगने का आरोप
27 मार्च को दिल्ली के पार्लियामेंट थाने में एक महिला नलिनी ने शिकायत दी थी कि सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पिछले तीन महीनों में उनसे 3 लाख से ज्यादा ठग लिए. महिला ने बताया कि पहली बार उनके पास 5 अक्टूबर को राज दीक्षित नाम के शख्स का फ़ोन आया. उसने कहा कि वो रजिस्टर रिक्रूटर है और एक मंत्रालय से जुड़ा है और उसने इंटरव्यू में शामिल होने का लालच दिया. साथ में भरोसा दिलाया कि ये नौकरी उन्हें ही मिलेगी.
इसके बाद सामने वाले ने पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर साढ़े तीन हजार ऑनलाइन अकाउंट में जमा करने को कहा. एक बार साढ़े तीन हजार मिल गए फिर उसने अलग-अलग बहाने से कभी 20 हजार कभी 25 हजार कभी 15 हजार जमा करा लिए और कुल मिलाकर 3 लाख 43 हजार से ज्यादा रकम ठग लिया. फिर एक दिन उसने महिला को एक फाइव स्टार होटल में इंटरव्यू के लिए बुलाया लेकिन जब महिला वहां पहुंची तो उसे वहां कोई नहीं मिला. इसके बाद वो पुलिस के पास पहुंची.
एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू
पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी. टेक्निकल सर्विलांस के जरिये पुलिस सबसे पहले अर्जुन गिल नाम के शख्स के पास नांगलोई पहुंची. अर्जुन से पूछताछ के बाद पुलिस राहुल श्रीवास्तव के पास पहुंची. पुलिस के मुताबिक इस गोरखधंधे का मास्टरमाइंड राहुल ही है. यही अलग-अलग जगहों से डेटा निकालकर अपने साथियों को फ़ोन करने के लिए देता था.
जो पैसे इनके अकाउंट में आते थे, ये लोग जाली गेटवे अकाउंट में भेज देते थे. फिर वहां से इन्हें कमीशन काट कर एजेंट कैश दे देते. पुलिस ने राहुल से पूछताछ के बाद उनेके दो साथियों- जावेद और मनीष को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है इनके पास से कई मोबाइल फोन और डिटेल मिले हैं जिनसे पता लगेगा कि इन लोगो ने अब तक कितनो को ठगा है.