दक्षिण पश्चिमी दिल्ली में आरके पुरम थाना पुलिस ने 6 तस्करों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 40 किलो गांजा बरामद किया गया है. खास बात यह है कि तस्करों ने इस गांजे को गाड़ी के इंजन के आसपास कैविटी बनाकर उसमें छिपा कर रखा था.
पहले ट्रेन से करते थे तस्करी
पुलिस के मुताबिक ये सभी आरोपी ओडिशा से सड़क के रास्ते गांजे को दिल्ली लेकर आया करते थे और यहां के लोकल ड्रग तस्करों को बेच दिया करते थे. पकड़ में आए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि पहले यह लोग ट्रेन से गांजा और दूसरी नशीली चीजें लेकर आया करते थे, लेकिन कोरोना के बाद से ट्रेनें कम हो गईं, जिसके बाद यह लोग सड़क के रास्ते तस्करी करने लगे.
अब गाड़ी का कर रहे थे इस्तेमाल
अब ये लोग गांजे की तस्करी के लिए गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस से बचने के लिए इन लोगों ने कार के इंजन के आसपास जगह बना रखी थी और उसमें ड्रग के पैकेट को छुपा कर रख देते थे, ताकि आसानी से किसी की निगाह इन पर ना पड़े ऐसा करके ये पुलिस की पकड़ से बचे रहे.
इस तरह पकड़ा
पुलिस के मुताबिक आरके पुरम थाने की पुलिस ने बैरीकेड लगाया हुआ था. इस बीच उनकी नजर एक बोलेरो गाड़ी पर पड़ी, जो बैरीकेड से 50 मीटर पहले ही अचानक ब्रेक मारकर रुक गई. गाड़ी को तुरंत घुमा कर तस्कर पीछे की ओर भागने लगे, लेकिन पुलिस को इन पर शक हो गया और पुलिस ने पीछा कर पहले गाड़ी रुकवा ली. जब पूरी गाड़ी की जांच की, तो उनकी नजर इंजन के पास की कैविटी पर पड़ी और फिर उसमें पुलिस को पैकेट नजर आए. जांच में पता लगा कि उसमें गांजा भरा हुआ है.
दिल्ली, ओडिशा के रहने वाले हैं आरोपी
पकड़ में आए आरोपियों के नाम रामचंद्र, सुधाकर नायक, शरद दास, अभिमन्यु दास, शनि और सूरज हैं. पुलिस के मुताबिक शनि और सूरज दिल्ली के रहने वाले हैं, जबकि बाकी चारों उड़ीसा के रहने वाले हैं. रामचंद्र अपने साथियों के साथ ड्रग्स लेकर दिल्ली आया करता था और यहां पर वह सनी और सूरज को बेच दिया करता था. सनी और सूरज इसके बाद ड्रग्स को दिल्ली के लोकल तस्करों में बेच दिया करते थे.
पूछताछ कर रही पुलिस
पुलिस के मुताबिक यह गिरोह पिछले काफी वक्त से इसी तरीके से ड्रग्स की तस्करी में लिप्त था. अब पुलिस इनसे पूछताछ कर यह जानने में लगी है कि रामचंद्र ओडिशा में कहां से ड्रग्स लेकर आया करता था और दिल्ली में सूरज और सनी ड्रग्स की सप्लाई किसे किया करते थे.