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पड़ोसी ने 7 साल के बच्चे का किया अपहरण, पुलिस ने 72 घंटे के अंदर ऐसे किया बरामद

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दिल्ली के नेहरू विहार से किडनैप किए गए सात साल के बच्चे को बरामद किया गया है. दिल्ली पुलिस ने इस केस में तत्परता दिखाते हुए महज 72 घंटे के अंदर बच्चे को छुड़ा लिया. इसके साथ ही 46 वर्षीय अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.

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दिल्ली पुलिस ने अपहरण के एक केस में काबिल-ए-तारीफ काम किया है.
दिल्ली पुलिस ने अपहरण के एक केस में काबिल-ए-तारीफ काम किया है.

दिल्ली पुलिस ने अपहरण के एक केस में काबिल-ए-तारीफ काम किया है. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए 72 घंटे के अंदर अपहरण किए गए 7 साल के बच्चे को बरामद कर लिया. दिल्ली के नेहरू विहार में एक पड़ोसी ने दुश्मनी की वजह से बच्चे का अपहरण किया था. इसके बाद उसे लेकर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर चला गया. बच्चे के पिता की शिकायत के आधार पर केस दर्ज करते हुए पुलिस ने अपहरणकर्ता को भी गिरफ्तार कर लिया है.

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पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) जॉय टिर्की ने बताया कि दिल्ली के नेहरू विहार में वीरेश नामक शख्स की अपने पड़ोसी से किसी बात पर दुश्मनी हो गई थी. दोनों के बीच अक्सर झगड़ा हुआ करता था. यही वजह है कि उसे सबक सिखाने के लिए उसने 13 मार्च को उसके सात साल के बच्चे के अपहरण कर लिया. इसके बाद परिजनों ने दयालपुर पुलिस स्टेशन को पीसीआर कॉल करके इस वारदात की जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंच गई. 

डीसीपी ने बताया कि अपहरण के 72 घंटों के भीतर पीड़ित को उसके परिवार से मिला दिया गया. आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया. पीड़ित के पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 (अपहरण) के तहत केस दर्ज किया गया. बच्चे को बचाने के लिए एक पुलिस टीम का गठन किया गया. इसके बाद आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई. इसमें संदिग्ध को बच्चे को ले जाते देखा गया.

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इसके बाद आरोपी के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर देखा गया तो उसकी लोकेशन उत्तर प्रदेश के संभल के गंगा नदी तट पर कलकत्ती मंदिर में पाई गई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वीरेश, जो कथित तौर पर पीड़ित परिवार से पैसे ऐंठना चाहता था, उसे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक मंदिर में ले गया था. इसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंच गई. इलाके में धर्मशालाओं और मंदिरों की तलाशी ली गई. पीड़ित के बारे में घोषणा भी की गई.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाद में उन्होंने संभल से 60 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के राजघाट गांव में आरोपी की लोकेशन का पता लगा. इसके बाद वहां के सरपंच से संपर्क किया गया. 16 मार्च को आरोपी की गतिविधि के बारे में एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस संभल रेलवे स्टेशन पर पहुंची. वहां पुलिस को देखकर वीरेश बच्चे को छोड़कर भागने की कोशिश करने लगा. लेकिन पुलिस टीम ने उस पर काबू पा लिया. उसे तुरंत पकड़ लिया गया.

पीड़ित ने अपने बयान में कहा कि आरोपी ने उसके माता-पिता को फोन किया और पैसे की मांग की थी. इतना ही नहीं उसे गंगा में डुबाने की भी कोशिश की थी. लड़के के बयान के आधार पर मामले में आईपीसी की धारा 364-ए (फिरौती के लिए अपहरण) और 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई है. पुलिस के मुताबिक, वीरेश ने अपराध कबूल कर लिया. उसने खुलासा किया कि लड़के के परिवार को सबक सिखाने के लिए उसने बच्चे का अपहरण किया था.

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