दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने फैक्ट चैकर मोहम्मद जुबैर को सोमवार को गिरफ्तार किया. जुबैर को देर रात बुराड़ी इलाके में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. जहां से उन्हें 1 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. बता दें कि पुलिस ने कोर्ट से 7 दिन की कस्टडी की मांग की थी.
मोहम्मद जुबैर पर सोशल मीडिया के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है. दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने सेक्शन 153 ए और 295 ए के तहत उन्हें अरेस्ट किया है.
धारा 153 दंगा करने के इरादे से किसी को उकसाने या दंगा करने पर लगाई जाती है. वहीं, 295 ए किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का जानबूझकर अपमान करने पर लगाई जाती है.
बता दें कि स्पेशल सेल ने पुराने मामले में जुबैर को पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस का दावा है कि पर्याप्त सबूत होने के बाद ही मोहम्मद जुबैर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली पुलिस के बयान के मुताबिक जुबैर को केस नंबर 194/20 में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. लेकिन केस नंबर 172/22 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इसके पीछे पुलिस की कोई दुर्भावना नहीं है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस को जुबैर की फंडिंग को लेकर कुछ इनपुट्स मिले हैं. पुलिस जुबैर के फानेंशियल ट्रांजेक्शन की भी जांच करेगी.
बता दें कि मोहम्मद जुबैर अपने पार्टनर प्रतीक सिन्हा के साथ मिलकर एक वेबसाइट चलाते हैं. प्रतीक ने दावा किया है कि मेडिकल के बाद जुबैर को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है. जुबैर के वकीलों को या प्रतीक को इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है. प्रतीक के मुताबिक वे भी उनके साथ पुलिस वैन में हैं. किसी पुलिस वाले ने नाम का टैग नहीं लगाया है. प्रतीक ने बताया कि जुबैर को बुराड़ी में एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना है. उसे फिलहाल एक बस के अंदर एक घंटे से ज्यादा समय से बंद रखा गया है.
जुबैर की गिरफ्तारी के बाद उनके पार्टनर प्रतीक सिन्हा ने ट्वीट किया. प्रतीक ने कहा कि स्पेशल सेल ने 2020 के एक मामले में जुबैर को आज पूछताछ के लिए बुलाया था. इस मामले में पहले ही हाई कोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ प्रोटेक्शन लिया जा चुका है. फिर भी शाम 6.45 बजे हमे बताया गया कि उन्हें किसी अन्य एफआईआर में गिरफ्तार कर लिया गया है. इसका नोटिस हमें पहले नहीं दिया गया, जो कानून के मुताबिक जरूरी है. अभी तक हमें एफआईआर की कॉपी भी नहीं मिली है. प्रतीक सिन्हा के आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस का बयान आया है. उन्होंने कहा कि जुबैर को किसी दुर्भावना के चलते गिरफ्तार नहीं किया. उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन एक दूसरे मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है.
दिल्ली पुलिस ने बताया किस मामले में किया अरेस्ट?
दिल्ली पुलिस ने बताया कि जुबेर को विवादित ट्वीट से जुड़े केस नंबर 194/20 में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. इस मामले में उन्हें गिरफ्तारी से कोर्ट का प्रोटेक्शन मिला हुआ है. लेकिन उन्हें एक दूसरे मामले केस नंबर 172/22 में गिरफ्तार किया गया है. यह केस जून 2022 में दर्ज किया गया है. केस 2018 में किए गए एक ट्वीट से संबंधित है.दिल्ली पुलिस ने बताया कि पुराने मामले में दिल्ली पुलिस स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है.
इस मामले में जुबैर का ट्वीट आपत्तिजनक नहीं पाया गया. उन्हें दूसरे मामले में गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस को एक ट्विटर हैंडल की तरफ से अलर्ट मिला था कि मोहम्मद जुबैर ने एक विवादित ट्वीट किया है, जिसे उनके समर्थक आगे बढ़ा रहे हैं. इस ट्वीट से नफरत का माहौल बन रहा है. इस मामले में उनकी जांच की गई, जिसमें जुबैर की भूमिका आपत्तिजनक मिली. वह सवालों से बचते रहे. उन्होंने जांच के लिए जरूरी तकनीकी उपकरण भी पुलिस को मुहैया नहीं कराए, जांच में सहयोग भी नहीं किया. इस मामले में ही पूछताछ के बाद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया गया.
राहुल गांधी ने की गिरफ्तारी की निंदा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की नफरत, कट्टरता और उनके झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए खतरा है. सच की आवाज उठाने वाले एक शख्स को गिरफ्तार करने पर हजार और सामने आएंगे. अत्याचार पर हमेशा सत्य की विजय होती है.
ओवैसी ने भी गिरफ्तारी को गलत बताया
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है. उन्होंने कहा कि मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी अत्यंत निंदनीय है. उन्हें बिना किसी नोटिस के किसी अज्ञात FIR में गिरफ्तार किया गया है. यह प्रक्रिया का उल्लंघन है. दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाते हुए ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस मुस्लिम विरोधी नरसंहार के नारे लगाने वालों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती है, लेकिन अपराध की रिपोर्ट करने वाले और मिस इंफॉर्मेशन का मुकाबला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करती है.