दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक पाकिस्तानी आतंकी को गिरफ्तार किया है. इसे दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया है. इस आतंकी को पाकिस्तानी की खुफिया एजेंसी ISI ने भारत और दिल्ली पर हमले के लिए ट्रेनिंग दी थी. इस आतंकी का नाम है मोहम्मद अशरफ उर्फ अली. ये दिल्ली में मोहम्मद नूरी के नाम से रह रहा था. उसने फर्जी आईडी भी बना रखी थी.
2004-05 में छोड़ा था पाकिस्तान
पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद अशरफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवल जिले का रहने वाला है. इसकी उम्र 46 साल है और उसने 2004-05 में पाकिस्तान छोड़ा था. उसे बांग्लादेश के रास्ते सिलिगुड़ी से भारत भेजा गया था. जब उसने 10वीं पास की तो उसके बाद उसे आईएसआई ने 6 महीने की ट्रेनिंग दी.
वो पिछले 15 साल से दिल्ली में रह रहा था और उसने गाजियाबाद की एक लड़की से शादी भी की थी. फिलहाल वो अपनी पत्नी से अलग रह रहा था. ये दिल्ली के स्लीपर सेल का मुखिया था और हिंदुस्तान आने वाले आतंकियों को हथियार और लॉजिस्टिक मुहैया करवाता था.
मोहम्मद अशरफ को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने ट्रेन्ड किया था. उसे भारत और दिल्ली पर हमले के लिए तैयार किया गया था. माना जा रहा है कि ये दिल्ली को दहलाने की फिराक में था. पूछताछ में इसने जम्मू-कश्मीर में भी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूली है, लेकिन पुलिस उसके दावों को पुख्ता कर रही है. पुलिस का कहना है कि ISI ने उसे इस तरह से ट्रेन्ड किया है कि अगर ये पकड़ा जाए तो एजेंसियों को गुमराह कर सके.
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मौलाना बनकर रह रहा था आतंकी
मोहम्मद अशरफ भारतीय नागरिक बनकर रह रहा था. उसने अपना फर्जी नाम मोहम्मद नूरी रख लिया था और बाकायदा फर्जी आईडी कार्ड भी बनवा लिया था. वो दिल्ली के शास्त्री नगर में आराम पार्क इलाके में एक घर में रह रहा था. भारतीय आईडी कार्ड बनाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था. आतंकी मोहम्मद अशरफ मौलाना बनकर रह रहा था और झाड़फूंक का काम करता था. वो भारत में जिन-जिन शहरों में रहा, वहां मौलाना बनकर ही रहा.
दोस्ती का गलत फायदा उठाया!
आतंकी शास्त्री नगर में जिस घर में किराए पर रहता था, उस घर के मालिक के बेटे उजैब ने बताया कि मोहम्मद अशरफ 14-15 साल पहले आया था और चार महीने तक रहा था. उजैब के पिता नसीम अहमद से उसकी दोस्ती हो गई थी और दोस्ती के नाते उन्होंने उसे किराए पर रहने दिया था. उजैब ने बताया कि गिरफ्तार आतंकी ने उनके पते पर अपना राशन कार्ड बनवाने के लिए उनके पिता से मदद मांगी थी. ऐसा लगता है कि उसने बाद में फर्जी आईडी कार्ड बनवाने के लिए इन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया.
भारतीय पासपोर्ट भी बनवा रखा था
पुलिस ने बताया कि वो अपनी लोकेशन बदलता रहता था. वो जम्मू, उधमपुर, अजमेर, दिल्ली, गाजियाबाद जाता रहता था. उसने 2014 में भारतीय पासपोर्ट भी बनवाया था और इस पासपोर्ट से उसने थाईलैंड और सऊदी की यात्रा भी की थी.
लगातार पाकिस्तान के टच में रहता था अशरफ
पुलिस ने बताया कि अशरफ लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से टच में रहता था. वो अपने पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में बने रहने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल कर रहा था. पाकिस्तान में इसका नाम नासिर था. हालांकि, ऐसी आशंका भी है कि ये उसका कोड नेम भी हो सकता है. मोहम्मद अशरफ के पास से एके-47, पिस्टल और हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं, लेकिन वो इन हथियारों का इस्तेमाल कहां करने वाला था, इस बारे में अभी कुछ नहीं बताया है. पुलिस के मुताबिक, आखिरी बार 2012 में भारत में पाकिस्तानी नागरिक गिरफ्त में आया था जो हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था.