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दिल्ली: रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे थे विदेशी नागरिक, कई को लगाया चूना, पुलिस ने पकड़ा

दिल्ली में एक ऐसे ही गैंग का भांडाफोड़ हुआ है, जो रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी में लगा हुआ था और लोगों को ठगने का काम कर रहा था.

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लोगों को ठगने वालों को पुलिस ने पकड़ा (सांकेतिक तस्वीर)
लोगों को ठगने वालों को पुलिस ने पकड़ा (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली में रेमडेसेविर की कालाबाजारी का भांडाफोड़
  • दिल्ली पुलिस ने विदेशियों के एक गैंग को पकड़ा

कोरोना वायरस के महासंकट के बीच देश में रेमडेसिविर की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में कालाबाजारी करने वाले भी इस वक्त एक्टिव हैं. दिल्ली में एक ऐसे ही गैंग का भांडाफोड़ हुआ है, जो रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी में लगा हुआ था और लोगों को ठगने का काम कर रहा था. 

दरअसल, दिल्ली पुलिस को 5 मई को रोहिणी की राखी गुप्ता का फोन आया, जिन्हें रेमडेसिविर की जरूरत थी. सोशल मीडिया पर मिले नंबर 9059756782 से उन्होंने रेमडेसिविर मांगी, जिसपर एक वाइल का दाम 5000 रुपये प्राप्त हुआ.

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राखी ने 5 इंजेक्शन के लिए ₹25000 दिए गए मोबाइल नंबर और अकाउंट नंबर में ट्रांसफर कर दिए. यह अकाउंट नंबर ग्लोबल सप्लायर के नाम से चलाया जा रहा था. पैसे जमा होने के बाद यह नंबर बंद हो गया और राखी को ना तो इंजेक्शन मिले और ना ही उनका पैसा वापस मिला, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत की.

बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले के डीसीपी राजीव रंजन ने बताया जो कि यह मामला बेहद संगीन था, इसलिए इसकी जांच में एक टीम को लगाया गया था. पुलिस के पास जांच के लिए एक फोन नंबर और एक अकाउंट बैंक का अकाउंट नंबर मौजूद था, पुलिस ने अपनी जांच यहीं से शुरू की. पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन पता लगाई, ये दिल्ली के ही खानपुर से चल रहा था. 

दिल्ली पुलिस को जानकारी मिल चुकी थी कि यह नंबर ऐश्वइन्गो ऐश्ले नाम की महिला चला रही थी, लिहाजा पुलिस ने एश्विनगो को गिरफ्तार किया, उसके कुछ साथी फरार हो गए. पुलिस के मुताबिक, इस महिला ने खुलासा कि अपने बॉयफ्रेंड एलूमारा क्रिश्चियन के साथ मिलकर ऑनलाइन जालसाजी का धंधा चला रही थी. 

जिसके तहत इन लोगों ने ग्लोबल सप्लायर नाम के सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार कर रखा था, यह दोनों खुद को रेमडेसिविर इंजेक्शन का सप्लायर बताते थे. 

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जब मरीजों के परिजन इनसे संपर्क करते थे तो वह यह अपने अकाउंट में पैसे जमा करवा लेते थे और इंजेक्शन की सप्लाई नहीं किया करते थे. अब तक की जांच के मुताबिक, इन विदेशियों ने 40 से ज्यादा मरीजों के परिजनों को साढ़े सात लाख से ज्यादा की चोट पहुंचाई है. विदेशियों का यह गैंग रेमडेसिविर का इंजेक्शन 3000 से ₹10000 के बीच में बेचने का दावा करता था. 

पुलिस को आरोपियों के 12 बैंक अकाउंट के बारे में भी पता चला है, जिसकी छानबीन की जा रही है. वहीं 5 मोबाइल फोन, 10 सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. 

 

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