scorecardresearch
 

दिल्ली हिंसा: वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से 15 आरोपी हुए पेश, अब 3 अक्टूबर को होगी सुनवाई

दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल 17500 पन्नों की चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से सफूरा जरगर को छोड़कर बाकी सभी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल से ही कराई गई.

Advertisement
X
कड़कड़डुमा कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)
कड़कड़डुमा कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिल्ली हिंसा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में हुई सुनवाई
  • वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई कोर्ट में पेशी
  • दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में 15 को बनाया आरोपी

दिल्ली हिंसा मामले में सोमवार को सभी आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया गया. इन आरोपियों के खिलाफ पिछले हफ्ते ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए और अन्य धाराओ में चार्जशीट दाखिल की गई है. दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल 17500 पन्नों की चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें से सफूरा जरगर को छोड़कर बाकी सभी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जेल से ही कराई गई.

Advertisement

सफूरा को गर्भवती होने के चलते पहले ही कोर्ट से जमानत पर रिहा किया जा चुका है. सफूरा इस मामले में सुनवाई के लिए अपने घर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर शामिल हुईं.

सोमवार को सभी आरोपियों के वकीलों को स्पेशल सेल द्वारा दायर की गई चार्जशीट की सॉफ्ट कॉपी पेन ड्राइव के जरिये दी गयी. आरोपियों के वकीलों ने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट को लेकर मीडिया में कोई भी बयान नहीं दिया है. ज्यादातर वकीलों ने कहा कि चार्जशीट पूरा पढ़ने के बाद ही वो इस मामले को लेकर अपनी कोई बात रखेंगे. कड़कड़डूमा कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई फिलहाल 3 अक्टूबर के लिए टाल दी है. कोर्ट शुक्रवार को चार्जशीट पर संज्ञान ले चुकी है.

दिल्ली दंगों में षड्यंत्रकारियों को लेकर दिल्ली पुलिस ने  जो 17,500 पन्नों की चार्जशीट दाख़िल की है, उसमें बताया गया है कि ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों ने अलग अलग व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर दंगे कराने का षड्यंत्र कैसे रचा. पुलिस ने कोर्ट में दावा किया है कि आरोपों को साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं.

Advertisement

स्पेशल सेल ने कोर्ट से कहा कि हमने नार्थ ईस्ट हिंसा के मामले में दर्ज की गई सारी एफआईआर का गहराई से अध्ययन किया है. स्पेशल सेल ने बताया कि सीलमपुर, जाफराबाद के लिए अलग व्हाट्सएप ग्रुप था, ये CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बनाया गया था. इसी तरह से दिल्ली में 25 जगहों को प्रदर्शन के लिए चुनकर हिंसा कराने की योजना बनाई गई थी.

स्पेशल सेल के डीसीपी ने व्हाट्सएप चैट की फाइल भी कोर्ट को दी है और कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हर ग्रुप को दंगों कराने की अलग अलग जिम्मेदारी दी गयी थी. कुछ आदेश देने वाले लोग थे और कुछ आदेश का पालन करने वाले लोग थे. कोर्ट ने स्पेशल सेल के डीसीपी कुशवाहा से कहा कि व्हाट्सएप चैट दिखाएं जो एविडेंस के तौर पर पेश किये गए हैं.

 

Advertisement
Advertisement