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Delhi Riots : दिलबर नेगी मर्डर केस में 6 आरोपियों को हाई कोर्ट ने दी जमानत

हाई कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज को जमानत दे दी. मामला 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का है.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 22 साल के लड़के दिलबर नेगी की हुई थी मौत
  • दंगे में 200 लोग हुए थे गंभीर रूप से घायल

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों (Delhi Riots) से संबंधित एक मामले में छह आरोपी व्यक्तियों को जमानत दे दी. इन पर आरोप लगाया गया था कि भीड़ ने एक मिठाई की दुकान में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी. इसके परिणामस्वरूप जलने और चोट लगने से 22 साल के लड़के दिलबर नेगी की मौत हो गई.

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हाई कोर्ट ने इस मामले में मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मो. फैजल, मो. शोएब, राशिद और परवेज को जमानत दे दी. मामला 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का है. जनवरी 2020 में उत्तर पूर्वी जिले के कई इलाकों में तीन दिन चली साम्प्रदायिक हिंसा के तांडव के दौरान गोकुलपुरी में एक युवक दिलबर नेगी की हत्या कर दी गई थी. इसी मुकदमे में दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को छह आरोपियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.  

गोकुलपुरी थाने में दर्ज की गई थी FIR

इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ गोकुलपुरी थाने में हत्या और सबूत छुपाने सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने मंगलवार को आदेश पारित करते हुए मुलजिम मोहम्मद ताहिर, शाहरुख, मोहम्मद फैजल, मोहम्मद शोएब, राशिद और परवेज की जमानत अर्जी पर आदेश दे दिए. इन सभी पर मिठाई की दुकान में तोड़फोड़ करने, आग लगाने और मार काट करने से संबंधित मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. 

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इस अग्निकांड में 22 साल के एक व्यक्ति की जलने से मौत हो गई थी. उसकी पहचान फिर दिलबर नेगी के रूप में हुई. बाद में पता चला कि दंगाइयों की भीड़ ने कथित तौर पर उसके हाथ-पैर काटने के बाद आग में जला दिया था. दिलबर नेगी अगस्त 2019 में यानी दंगे फसाद से छह महीने पहले ही अपने गृह राज्य उत्तराखंड से रोजी रोटी की तलाश में दिल्ली आया था. उक्त दुकान से दिलबर नेगी का शव बुरी तरह जला हुआ, क्षत-विक्षत हालत में मिला था.

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में साम्प्रदायिक नफरत से मची हिंसा की आग में तीन दिनों के दौरान कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि लगभग 200 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

 

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