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दिल्ली पुलिस को उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच के लिए मिलेगा इनाम

दिल्ली नार्थ ईस्ट दंगो की जांच कोर्ट की दहलीज पर है. इन दंगों में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. अब जानकारी मिली है कि दिल्ली दंगों में की गई कार्रवाई के लिए पुलिस को सम्मानित किया जाएगा. उन्हें विशेष इनाम देने की तैयारी है.

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दिल्ली दंगे का मंजर ( पीटीआई)
दिल्ली दंगे का मंजर ( पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की जांच के लिए पुलिस को इनाम
  • अंकित शर्मा मर्डर केस में पुलिस जांच की तारीफ
  • टेक्नोलॉजी की मदद से बड़े स्तर पर कार्रवाई

दिल्ली नार्थ ईस्ट दंगो की जांच कोर्ट की दहलीज पर है. इन दंगों में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. अब जानकारी मिली है कि दिल्ली दंगों में की गई कार्रवाई के लिए पुलिस को सम्मानित किया जाएगा. उन्हें विशेष इनाम देने की तैयारी है.

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बता दें कि 23 फरवरी 2020 को हुए इन दंगों में 581 लोग घायल हुए थे. 24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. इन दंगो के मामले में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं. वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा के दौरान पिछले साल दंगाइयों ने जमकर तांडव किया था. दर्जनों घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था. 23 फरवरी से 26 फरवरी 2020 के बीच हुए इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी.

अंकित शर्मा मर्डर केस क्या था?

अब इन्हीं दंगों में अंकित शर्मा मर्डर केस काफी अहम था. फरवरी 2020 की शाम अंकित शर्मा की हत्या खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन के घर के बाहर की गई थी. हत्या के बाद अंकित शर्मा का शव पास के ही नाले में फेंक दिया गया था. अब उसी मामले में पुलिस को उनकी कार्रवाई के लिए इनाम दिया जाएगा.

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एसीपी संदीप लांबा को भी इसी केस में प्रभावी जांच करने के लिए  सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दयालपुर पुलिस स्टेशन में 26 फरवरी को सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. ताहिर हुसैन समेत 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. जांच में पता चला था कि हिंसा के पीछे और अंकित शर्मा की हत्या के पीछे बहुत गहरी साजिश थी. अंकित शर्मा को विशेषकर ताहिर हुसैन के नेतृत्व वाली भीड़ ने टारगेट किया था. जांच में ये भी पाया गया कि 24 और 25 फरवरी को चांद बाग इलाके में भीड़ को उकसाने वाला शख्स मेन शख्स ताहिर हुसैन ही था.

पुलिस ने कैसे कार्रवाई की?

जांच के दौरान अंकित शर्मा पर हमले के दौरान इस्तेमाल किया गया खून से सना चाकू बरामद किया गया था, साथ ही हमलावर के खून लगे कपड़े भी बरामद हुए थे. वहीं इसके अलावा पुलिस ने दिल्ली दंगों की जांच के लिए 3 एसआईटी गठित की थीं. क्राइम ब्रांच को 60 केस जांच के लिए सौंपे गए थे, जबकि 1 केस स्पेशल सेल ने दर्ज किया था. इन दंगों में जांच के दौरान 1818 गिरफ्तार किए गए थे.

पुलिस अफसरों का दावा है कि इन्वेस्टिगेशन के लिए टेक्नोलॉजी की मदद ली गई. दंगाइयों का वीडियो एनेल्टीका, सीसीटीवी फुटेज का FRS एनेलाइजेशन किया गया था. दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि दंगाइयों और आरोपियों के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डेटा रिकवर किया गया था. दंगा क्षेत्र में उनकी मौजूदगी के लिए जियो लोकेशन भी ली गई. इसके अलावा मौका-ए-वारदात की ड्रॉन मैपिंग कराई गई और डीएनए के साथ-साथ फिंगर प्रिंट्स भी लिए गए. इस सब के ऊपर जलाए गए वाहनों की जांच और दंगाइयों के वाहनों की जांच के लिए ई-वाहन डाटाबेस तैयार किया गया.

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टेक्नोलॉजी ने कितनी मदद की?

इसके साथ ही फ़ॉरेंसिक टीम, फिजिकल, केमिकल, बॉयोलीजिकल, बैलेस्टिक विशेषज्ञों की मदद ली गई. वीडियो और फोटोग्राफ के ओपन सोर्स के जरिए जांच कर उनके डिटेल्स चार्जशीट में शामिल किए गए. 231 आरोपी सीसीटीवी फुटेज और वीडियो से पहचान होने पर गिरफ्तार हुए. साथ ही कपड़ों के कलर के हिसाब से 2 दर्जन दंगाई पकड़े गए थे. अब इसी विस्तृत कार्रवाई के लिए दिल्ली पुलिस को इनाम दिया जा रहा है.

पी एस मल्होत्रा को किया गया सम्मानित

वैसे इस बार दिल्ली पुलिस के अफसर के पी एस मल्होत्रा ​​को भी जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया गया है. वे वर्तमान में डीसीपी, सीपी सचिवालय के रूप में कार्यरत हैं. उन्होंने दिल्ली पुलिस के अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में काम किया है.

पता लगाने और जांच में तकनीकी परीक्षणों पर विशेष ध्यान देने के साथ, उनकी देखरेख में टीमों ने साइकोट्रोपिक पदार्थों के पहले डार्कनेट विक्रेता, भारत में पहला एथेरियम माइनिंग रिग, भारत का पहला साइबर टेरर केस और जासूसी के मामलों का भंडाफोड़ किया है. वे एसआईटी का भी नेतृत्व कर रहे थे, जिसने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए ड्रग्स से जुड़े मामले की जांच की थी.

जानकारी मिली है कि कुल दिल्ली पुलिस के 6 पुलिसकर्मियों को यूनियम होम मिनिस्टर अवार्ड फॉर बेस्ट इन्वेस्टिगेशन का अवार्ड दिया गया है. इसी कड़ी में बाटला हाउस एनकाउंटर की जांच में शामिल रहे इंस्पेक्टर सतीश शर्मा को 11 लाख का ईनाम दिया गया. इसी तरह क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अमलेश्वर रॉय को ताहिर हुसैन और अंकित शर्मा हत्या वाले मामले में बेस्ट इन्वेस्टिगेशन करने पर अवार्ड दिया गया है.

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