यूनिटेक के मालिक संजय चन्द्रा और अजय चन्द्रा के साथ मिलकर जेल से आर्थिक धोखाधड़ी का नेक्सस चलाने वाले तिहाड़ जेल के अधिकारियों पर गाज गिर गई. पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश और करप्शन की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. अब तिहाड़ जेल के महानिदेशक ने आरोपी अधिकारियों को निलंबित करने की कार्रवाई शुरु कर दी है. जबकि दो संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी.
जेल महानिदेशक संदीप गोयल के मुताबिक दिल्ली पुलिस की ओर से इस मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्त पाए गए 32 जेल अधिकारियों के नाम समेत एक पत्र प्राप्त हुआ है. जिसमें 30 नियमित कर्मचारी और दो संविदाकर्मी शामिल हैं. आरोप है कि जेल के इन सभी कर्मचारियों ने यूनिटेक के मालिक चंद्रा बंधुओं के लिए जेल को आरामगाह बनाया और जेल के नियमों को ताक पर रखकर आपराधिक सजिश रची. ये सभी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए.
इनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी और तिहाड़ जेल डीजी संदीप गोयल को भी इस बारे में जानकारी दी थी. पुलिस के रिपोर्ट के आधार पर जेल महानिदेशक ने 30 जेल अधिकारियों को निलंबित करने और दो संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई शुरु कर दी है.
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बताते चलें कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सौंपी थी. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 28 सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में आपराधिक जांच के आदेश दिए थे. अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है.
दर्ज की गई एफआईआर में तिहाड़ जेल के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश और करप्शन की धाराएं लगाई गई. असल में जांच के दौरान तिहाड़ की जेल नंबर 7 के 32 अधिकारियों की चन्द्रा बंधुओं के साथ मिलीभगत पाई गई. इस कार्रवाई की जानकारी पत्र के जरिये तिहाड़ जेल के महानिदेशक और ग्रह मंत्रालय को सौंपी गई थी. उसी के बाद आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.