26 जनवरी को दिल्ली हिंसा में पुलिस का वायरलेस सेट छीनने वाले शख्स को नांगलोई थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने कॉन्स्टेबल सोनू से वायरलेस सेट छीना था. आरोपी पर पहले से तीन आपराधिक मामले दर्ज है. यह मामले साल 2019 में दिल्ली के तीन अलग-अलग थानों में दर्ज किए गए थे.
इस बीच दिल्ली हिंसा को लेकर कई खालिस्तानी ट्विटर अकाउंट दिल्ली पुलिस के रडार पर हैं. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने कहा कि ऐसे खातों की पहचान की जा रही है और उनकी सामग्री का एक डंप लिया जा रहा है. इन खातों द्वारा कई भड़काऊ ट्वीट्स पोस्ट किए गए थे. अधिक जानकारी मिल रही है.
आरोपी ने किया खुलासा
वायरलेस छीनने वाले शख्स की पहचान अजय राठी के रूप में हुई है. वह हरियाणा का रहने वाला है. अजय राठी ने बताया कि हमें पहले से ही आदेश दिया गया था, हमें किसी भी तरह से लाल किले तक पहुंचने का आदेश मिला था, इसी दौरान नांगलोई में हिंसा हुई ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई और उसी दौरान कांस्टेबल का वायरलेस सेट छीन लिया गया था.
UAPA के तहत दर्ज किया गया केस
26 जनवरी को भड़की हिंसा के मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. स्पेशल सेल के बड़े अधिकारियों के मुताबिक, यूएपीए के तहत जो केस दर्ज किए गए हैं, उसमें ITO समेत सभी जगह जो हिंसा हुई है, उसकी जांच की जाएगी.
ललित मोहन नेगी को मिली है जांच की जिम्मेदारी
गणतंत्र दिवस पर लालकिले पर हुई घटना की जांच एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले दिल्ली पुलिस के स्पेशल एसीपी ललित मोहन नेगी को सौंपी गई है. 26 जनवरी को दिल्ली में किसान आंदोलन काफी उग्र हो गया था, जिसकी वजह से कई जगह तोड़फोड़ और हिंसक घटनाएं हुईं. इस दौरान कुछ किसानों ने लालकिले पर निशान साहेब फहराया था.
किसान नेताओं पर दर्ज किया गया मामला
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 33 एफआईआर दर्ज की हैं, जिसमें 37 किसान नेताओं के नाम हैं. एफआईआर में हत्या की कोशिश, डकैती की धाराएं लगाई गई है. केस दर्ज होने के बाद आरोपी नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. साथ ही इन नेताओं का पासपोर्ट भी जब्त किया जाएगा.