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जम्मू कश्मीर के डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की कायराना हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है. कश्मीर में सक्रिय इस आतंकी संगठन ने जम्मू कश्मीर में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है. ये घटना जम्मू के उदयवाला की है. बता दें कि हेमंत कुमार लोहिया रात को जब अपने घर पर थे तभी उनके घरेलू नौकर यासिर ने उनपर हमला कर दिया और केचप की बोतल से उनका गला काट दिया. इसके बाद उन्हें जलाने की कोशिश की. आतंकी संगठन TRF ने डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की नृशंस हत्या को बड़े टारगेट को निशाना बताने की घटिया कोशिश की है.
बता दें कि ये घटना तब हुई जब गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिन के दौरे पर हैं. अमित शाह सोमवार रात ही जम्मू कश्मीर के दौरे पर जम्मू पहुंचे थे. गृह मंत्री यहां कई योजनाओं का ऐलान करने वाले हैं.
गृह मंत्री को चुनौती
आतंकी संगठन TRF ने डीजी जेल हेमंत कुमार लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि उसके स्पेशल स्क्वॉड ने इंटेलिजेंस के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है. TRF ने अपने बयान में अपनी घटिया हरकत की शेखी बघारते हुए कहा है कि ये उनकी तरफ से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर आए गृह मंत्री को इतनी सख्त सुरक्षा के बावजूद छोटा सा तोहफा है. घाटी में हाल ही में सक्रिय हुए इस आतंकी संगठन ने कहा है कि इस हमले को अंजाम देते हुए उन्होंने दिखा दिया है कि जब चाहें, जहां चाहें हमला कर सकते हैं. इस टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन ने दावा किया है कि वे आगे भी ऐसी आतंकी वारदात को करते रहेंगे. ये बयान TRF के प्रवक्ता तनवीर अहमद राठर की ओर से जारी किया गया है.
1992 के IPS थे लोहिया
बता दें कि 1992 के आईपीएस ऑफिसर 57 साल के हेमंत कुमार लोहिया इसी साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर के डीजी जेल बने थे. हेमंत लोहिया पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारी थे. बाद में इस कैडर का AGMUT में विलय कर दिया गया है. हेमंत लोहिया के परिवार में उनकी पत्नी एक बेटा और एक बेटी है. उनकी बेटी लंदन में रहती हैं. जबकि उनके बेटे आईटी इंडस्ट्री में हैं. इसी साल दिसंबर में उनकी शादी होने वाली थी.
घटना के वक्त साथ नहीं था परिवार
बता दें कि हेमंत कुमार लोहिया जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र उदयवाला में रहते थे. घटना के समय उसका परिवार उनके साथ नहीं था. लेकिन उनके साथ घर में उनके नौकर यासिर के अलावा और कौन कौन था इसकी जानकारी अबतक सामने नहीं आ पाई है. डीजी जेल एच के लोहिया का नौकर यासिर जम्मू-कश्मीर के रामबन का रहने वाला था. घटना के बाद से यासिर फरार है. जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां यासिर को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है.
खास बात यह है कि यासिर एके लोहिया के यहां काम करने से पहले प्रधान सचिव (होम) के घर काम कर चुका था. इसके बाद ही उसे एके लोहिया के घर भेजा गया था.
पैरों में थी सूजन, तेल लगाए हुए थे एचके लोहिया
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि क्राइम सीन की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि लोहिया किसी तरह का तेल अपने पैरों में लगाए हुए थे, क्योंकि उनके पैरों में सूजन दिख रहा था. हत्यारे ने पहले उनका गला दबा दिया, फिर केचप की टूटी हुई बोतल से उनका गला काट दिया और इसके बाद उनके शरीर को जलाने की कोशिश की.
गार्ड्स ने देखा घर में आग
डीजी जेल के घर में तैनात गार्ड ने जब घर से धुआं और आग निकलता हुआ देखा तो उन्हें शक हुआ. इसके बाद वे कमरे तक पहुंचे लेकिन कमरा अंदर से बंद था इसके बाद उन्हें दरवाजे को तोड़ना पड़ा. फिलहाल पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां फरार नौकर की तलाशी में जुटी हुई हैं.