scorecardresearch
 

Hardoi: ढाई साल से फाइलों में बंद था गुमशुदगी का मामला, जांच की गई तो निकला डबल मर्डर केस

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस ने एक ऐसे केस की गुत्थी सुलझाई है जो पुलिस की फाइलों में बंद पड़ी थी. शाहजहांपुर जिले के एक युवक की ढाई साल से दर्ज गुमशुदगी के मामले की पुलिस ने गहराई से जांच की और इस जुर्म में 3 लोगों को गिरफ्तार किया.

Advertisement
X
पुलिस ने गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाई (फोटो आजतक)
पुलिस ने गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाई (फोटो आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जेवर के लिए ससुर ने की थी अपने दामाद की हत्या
  • बेटी राज न पता कर ले इसलिए उसकी भी हत्या की

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पुलिस ने एक ऐसे केस की गुत्थी सुलझाई है जो पुलिस की फाइलों में बंद पड़ी थी. शाहजहांपुर जिले के एक युवक की ढाई साल से दर्ज गुमशुदगी के मामले की पुलिस ने गहराई से जांच की और उसमें 3 लोगों को गिरफ्तार किया. मामला गुमशुदगी की बजाए ससुर द्वारा बेटी-दामाद की हत्या का निकला.

Advertisement

बेटी के जेवर के लिए ससुर ने अपने दामाद की हत्या करके उसके शव को बोरे में भरकर रेलवे लाइन पर फेंक दिया था. घटना के कुछ दिन बाद आरोपियों ने उसकी पत्नी के पति के बारे में सवाल-जवाब करने पर उसकी भी हत्या करके चेहरे को कुचलकर एक खेत में फेंक दिया था.

दोनों के शव को पुलिस ने अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था. लेकिन ढाई साल पुराने गुमशुदगी के मामले का जब खुलासा हुआ तब दोनों अज्ञात शव का राज जानकार पुलिस भी हैरान रह गई क्योंकि ससुर ने अपनी बेटी के जेवर की खातिर अपने दामाद और बेटी का कत्ल कर दिया था.

जेवर की खातिर बेटी और दामाद का कत्ल किया 

पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने बताया कि हरदोई की शाहाबाद कोतवाली पुलिस ने रामलड़ैते, लालू और राजेंद्र को ढाई साल पुराने एक गुमशुदगी के मामले में गिरफ्तार किया है. जो पुलिस फाइलों में कैद होकर रह गया था. पुलिस की जांच में यह गुमशुदगी का मामला एक नहीं दो हत्याओं का निकला. 

Advertisement

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक गांव मढ़िया के रहने वाले दिलीप कुमार का ससुराल शाहबाद कोतवाली के हसनापुर गांव में है. 20 अप्रैल 18 को वह अपने ससुराल आया था. जहां उसने अपने ससुर को अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखने के लिए दिए थे.

ससुर ने जेवर गिरवी रखने की बजाय बेच दिए थे. जेवर की वापसी को लेकर ससुर और दामाद के बीच में मारपीट हुई. जिसमें दामाद दिलीप कुमार बेहोश हो गया. ससुर ने अपने साथी लालू और राजेंद्र के साथ मिलकर दामाद को एक बोरी में भरकर शाहजहांपुर जिले में सेहरामऊ के पास रेल लाइन पर फेंक दिया था. ट्रेन से कटने के बाद बरामद शव को पुलिस ने अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार करा दिया था. 

देखें: आजतक LIVE TV

पति के वापस न लौटने पर लगभग 15 दिन बाद उसकी पत्नी सोनी ने अपने पिता रामलड़ैते से अपने पति को लेकर पूछताछ की. दामाद की हत्या का भेद न खुल जाए इसके लिए रामलड़ैते ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी बेटी का भी कत्ल कर दिया. पहचान न होने के लिए उसका चेहरा बुरी तरह से कुचल कर उसके शव को भी जंगलों में फेंक दिया. जंगलों में पुलिस ने बरामद शव को अज्ञात मानकर अंतिम संस्कार भी कर दिया था. 

Advertisement
Advertisement